नोएडा एयरपोर्ट की फ्लाइट सेफ्टी को अवैध निर्माण और पक्षी-जानवरों से खतरा, प्रशासन ने दिये ये निर्देश
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आस-पास भवनों के अनियमित निर्माण और पक्षियों और जानवरों की मौजूदगी फ्लाइट ऑपरेश के लिए खतरा बन सकते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने एयरपोर्ट के करीब के इलाकों में खतरों से निपटने के लिए तत्काल उपाय करने के निर्देश दिए हैं। इस बारे में बीते बुधवार को एक मीटिंग गौतमबुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट (जिलाधिकारी) मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में हुई। पीटीआई की खबर के मुताबिक, इसको लेकर हुई मीटिंग में प्रशासन के सामने पर्यावरण प्रबंधन समिति (एईएमसी) ने इन चुनौतियों पर गौर किया।
जिला मजिस्ट्रेट ने दिये ये निर्देश
खबर के मुताबिक, मीटिंग में वरिष्ठ प्रशासनिक और एयरपोर्ट के अधिकारियों ने भी भाग लिया। जिला मजिस्ट्रेट ने सुचारू और सुरक्षित एयरपोर्ट संचालन सुनिश्चित करने के लिए 10 किलोमीटर के दायरे में सफाई, अपशिष्ट नियंत्रण और अवैध निर्माण के नियमन की जरूरत पर बल दिया, और फ्लाइट ऑपरेशन के लिए जोखिम का उल्लेख किया। वर्मा ने क्षेत्र में कचरे को फेंकने से बचने की जरूरत पर बल दिया और विभागों को एईएमसी के साथ समन्वय में नियमित मासिक निरीक्षण करने और चेयरपर्सन को समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
एक सर्वेक्षण दल के गठन को मंजूरी
जिला मजिस्ट्रेट ने जलभराव को रोकने के लिए सभी जल निकासी प्रणालियों को मजबूत करने का भी आदेश दिया। कानूनी कार्रवाई और अवैध निर्माण को हटाने के लिए उनकी पहचान करने को एक सर्वेक्षण दल के गठन को मंजूरी दी। मीटिंग में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) किरण जैन, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (वित्त और राजस्व) अतुल कुमार, जेवर के उप-मंडल मजिस्ट्रेट अभय कुमार सिंह, जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी और जिला प्रशासन और हवाई अड्डा परियोजना से जुड़े विभागों के अन्य अधिकारी शामिल हुए।
सीओओ जैन ने हवाई अड्डे के 10 किलोमीटर के दायरे में पर्यावरणीय स्थितियों और ऑपरेशन संबंधी खतरों पर प्रकाश डालते हुए एक प्रस्तुति दी। जिला सूचना कार्यालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, इसके जवाब में जिलाधिकारी वर्मा ने अस्वीकृत निर्माणों की पहचान करने, निर्माण गतिविधियों को विनियमित करने, स्थानीय प्रशासन के साथ संयुक्त सर्वेक्षण शुरू करने और एक बाधा निकासी समिति बनाने के लिए कहा।

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