
गूगल एआई वीडियो टूल
Google एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। टेक कंपनी की एक और बड़ी चोरी पकड़ी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने अपनी लेटेस्ट जेमिनी एआई और Veo 3 वीडियो जेनरेशन मॉडल को ट्रेनिंग देने के लिए YouTube क्रिएटर्स से बिना पूछे उनके चैनल पर अपलोड वीडियो का इस्तेमाल किया है। गूगल ने हाल ही में Veo 3 वीडियो जेनरेशन AI मॉडल को लॉन्च किया है, जिसके जरिए टेक्ट्स को ऑडियो-वीडियो में कन्वर्ट किया जा सकता है।
Veo 3 को दी गई ट्रेनिंग
गूगल ने इस साल आयोजित हुए Google I/O 2025 में Veo 3 को पेश किया गया है। यह कंपनी का अब तक का सबसे एडवांस एआई मॉडल बताया जा रहा है। Veo 3 से जेनरेट किए गए AI वीडियो असली लगते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने अपने इस एआई टूल को ट्रेन करने के लिए यूट्यूब पर मौजूद 20 बिलियन यानी 2000 करोड़ से ज्यादा वीडियो का इस्तेमाल किया है। कई क्रिएटर्स ने दावा किया है कि गूगल ने बिना उनकी इजाजत के यूट्यूब वीडियो का इस्तेमाल करके अपनी सबसे एडवांस वीडियो जेनरेशन टूल को ट्रेनिंग दी है।
क्या कहता है Google?
कंपनी ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि इसके लिए क्रिएटर्स और मीडिया कंपनी के साथ एग्रीमेंट किया गया है। गूगल ने आगे कहा कि हम हमेशा से अपने प्रोडक्ट को बेहतर बनाते रहते हैं। यह AI के आने के बाद नहीं बदला है। क्रिएटर्स अपनी तस्वीर को इस एआई के युग में सुरक्षित कर सकते हैं। यही नहीं, उनके पास अमेजन, Nvidia और Apple जैसी कंपनियों को ब्लॉक करने का विकल्प रहता है। यूट्यूब द्वारा कई क्रिएटर्स और मीडिया संस्थानों को इसे लेकर सभी जानकारी शेयर कर दी गई थी।
YouTube के टर्म ऑफ सर्विस में यह साफ लिखा है कि इस प्लेटफॉर्म के कॉन्टेंट का दुनियाभर में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा इनका इस्तेमाल प्रोडक्ट एक्सपीरियंस को बेहतर करने के लिए भी किया जा सकता है। यही नहीं, पिछले साल सितंबर 2024 में पब्लिश हुए ब्लॉग में कंपनी ने क्रिएटर्स को यह साफ कर दिया था।
यह भी पढ़ें –
Oppo ने लॉन्च किया 6000mAh बैटरी वाला सस्ता 5G फोन, कीमत 12000 रुपये से भी कम

Comments are closed.