बदलापुर रेप केस के आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर को लेकर परिजनों ने बड़े सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि यह एनकाउंटर नहीं हत्या है। अक्षय पटाखों से भी डरता था फिर वह बंदूक छीनकर हमला कैसे कर सकता है।
महाराष्ट्र के बदलापुर रेप केस के आरोपी की पुलिस हिरासत में ही मौत हो गई है। बताया गया कि जांच के लिए तलोजा जेल से बदलापुर ले जाते वक्त उसने एक पुलिसकर्मी से बंदूक छीन ली और एएसआई पर गोली चला दी। इसके बाद जवाबी फायरिंग में वह बुरी तरह घायल हो गया और अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। हालांकि आरोपी के परिवार ने इस सब के पीछे बड़ी साजिश का आरोप लगाया है। परिवार का कहना है कि यह एनकाउंटर नहीं बल्कि हत्या है। उन्होंने कहा कि उनका बेटा पटाखे से भी डरता था, वह भला बंदूक छीनकर फायरिंग कैसे कर सकता है। उन्होंने स्कूल प्रशासन पर भी उसे फंसाने का आरोप लगाया है।
आरोपी अक्षय शिंदे पर बदलापुर के एक स्कूल में नाबालिग लड़की से रेप का आरोप था। वह स्कूल में कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम करना वाला स्वीपर था। शिंदे को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। आरोप था कि उसने स्कूल के टॉइलट में 4 और 5 साल की दो बच्चियों से रेप किया था। अक्षय के परिवार ने इस मामले में जांच की मांग की है।
अक्षय के पिता अन्ना शिंदे ने कहा कि उनके बेटे की हत्या की गई है और इसकी जांच होनी चाहिए। शिंदे के मामा और मां का कहना है कि पुलिस और स्कूल प्रशासन ने मिलकर पूरी साजिश रची थी और अक्षय को गलत तरीके से फंसा दिया गया। उन्होंने कहा, अक्षय ने यह भी बताया था कि पुलिस हिरासत में उसे बुरी तरह पीटा जाता है। आरोपी की मां ने कहा कि वह पुलिस से हथियार नहीं छीन सकता। पुलिस की बातों पर विश्वास करना ही मुश्किल है।
उन्होंने कहा, अक्षय डिप्रेशन में नहीं था। पुलिस ने हमारे बेटे को मार दिया। स्कूल प्रशासन की भी जांच होनी चाहिए। पुलिस ने उससे कुछ लिखवाया था लेकिन यह नहीं पता कि क्या लिखवाया गया था। उन्होंने कहा, मेरा बेटा पटाखे जलाने और सड़क पार करते हुए भी डरता था। वह पुलिसकर्मी की बंदूक कैसे छीन सकता है।
बता दें कि बदलापुर केस में पुलिस को तुरंत सूचना ना देने और लापरवाही के आरोप में पॉक्सो ऐक्ट के तहत स्कूल के चेयरमैन और सचिव के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। विशेष अदालत ने दोनों को अग्रिम जमानत देने से भी इनकार कर दिया था। इसके बाद वे हाई कोर्ट पहुंचे हैं।
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने भी इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि पहले बताया गया था कि उसने खुदकुशी करने की कोशिश की। इसके बाद एनकाउंटर बता दिया गया। एनकाउंटर आतंकवादियों और अनडरवर्ल्ड के अपराधियों का होता है। पुलिस किसी ऊंचे पद पर बैठे शख्स को बचाने में लगी है। उन्होंने कहा कि सीजेआई को मामले का स्वतः संज्ञान लेना चाहिए।

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