पानीपत: सिविल अस्पताल में बच्ची के साथ इसराना निवासी दंपति। हरियाणा के पानीपत शहर के सिविल अस्पताल में इसराना के दंपति ने अस्पताल की नर्सों एवं कर्मचारियों पर बच्चा बदलने का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया। बच्ची के हाथ पर जो टैग मिला, उस पर मेल यानि लड़का लिखा था और मां का नाम भी अलग था। डिस्चार्ज स्लिप में फीमेल यानि लड़की लिखा था और मां का नाम सही था।दंपति व उसके परिजन मामले की शिकायत लेकर PMO कार्यालय में पहुंचे, लेकिन उस वक्त तक वे मामला खुद जांच चुके थे। इस घटना की सूचना उन्हें दी गई थी। उन्होंने लेबर वार्ड के कर्मचारियों को ध्यान से काम करने की कड़ी हिदायतें दी। PMO ने टैग लगाने में हुई इस लापरवाही पर व्यवस्था बदलने का भी आश्वासन दिया है।बच्ची के हाथ पर लगाए गए टैग से हुई दुविधा।6 बेटियों के माता-पिता इसराना निवासी दंपतिइसराना निवासी प्रदीप एवं रितु ने बताया कि वह 6 बेटियों के माता-पिता हैं। पेशे से सबमर्सिबल मैकेनिक प्रदीप ने बताया कि पत्नी रितु को रविवार सुबह सवा 11 बजे सिविल अस्पताल लेकर आए थे। सवा एक बजे रितु ने बच्चे को जन्म दिया। उनको बताया गया कि बेटी हुई है। वह सोमवार की सुबह पत्नी को डिस्चार्ज कराकर घर चले गए। घर जाकर देखा तो बच्ची के हाथ पर जो टैग था, उस पर मेल लिखा था। टैग पर बच्चे के पिता का नाम प्रदीप और मां का नाम पूजा लिखा था।टैग में मां का नाम पूजा लिखा हुआ है, जबकि रितू है।टैग पर वजन 3 किलोग्राम लिखा था, जबकि डिस्चार्ज स्लिप पर वजन साढ़े तीन किलोग्राम लिखा था। बच्ची को लेकर दोबारा सिविल अस्पताल आए और स्टाफ नर्सों को इसकी शिकायत दी तो कहा गया कि यह क्लेरिकल गलती हो सकती है। उन्हें शक है कि रितु ने बेटे को जन्म दिया था। कर्मचारियों ने लड़के को बदलकर उन्हें लड़की दी है। उनकी सिविल सर्जन से मांग है कि इस मामले की जांच हो। साथ ही DNA टेस्ट भी करवाया जाए।आरोप गलत है- लेबर वार्ड डिप्टी इंचार्जलेबर वार्ड की डिप्टी इंचार्ज सुमन पोरिया ने कहा कि रजिस्टर एवं डिस्चार्ज स्लिप में यह क्लीयर लिखा है कि रितु को बेटी हुई है। उसके पिता का नाम भी सही लिखा है। सिर्फ टैग लगाने में गलती हो सकती है। बच्चा बदलने का आरोप बिल्कुल गलत है।शिकायत मिली तो करेंगे कार्रवाई- PMOPMO डॉ. संजीव ग्रोवर ने कहा कि टैग सही लगाना और कागजातों में दंपति व बच्चे के बारे में सही लिखना स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी है। अगर टैग लगाने में लगती हुई है तो यह भी लापरवाही है। सिविल अस्पताल में यह व्यवस्था सुधारेंगे। अगर मामले की लिखित में शिकायत मिलती है तो जांच भी करेंगे। जांच के आधार पर कार्रवाई भी करेंगे।

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