पिंपल्स फ्री त्वचा पाने के लिए मानसून में अपनाएं ये आसान तरीके, बारिश में ऐसे करें चेहरे की सही देखभाल

मानसून में पिंपल्स से कैसे बचें
मानसून में स्किन इंफेक्शन का खतरा काफी बढ़ जाता है। जिन लोगों की ऑयली स्किन है उन्हें खासतौर से पिंपल्स की समस्या झेलनी पड़ती है। बारिश के दिनों में मुंहासे और भी बढ़ जाते हैं। अगर सही तरीके से चेहरे की देखभाल न की जाए तो पिंपल्स, दाने और चेहरे पर दाग-धब्बे और बढ़ सकते हैं। आइये जानते हैं मानसून में पिंपल्स होने पर क्या करें? मानसून में स्किन केयर रुटीन कैसा होना चाहिए? मानसून में कैसे रखें त्वचा का ख्याल?
मानसून में ह्यूमिडिटी की वजह से बैक्टीरिया और फंगस पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं त्वचा में ऑयल भी ज्यादा आने लगता है। सीबम यानि स्किन का नेचुरल ऑयल बढ़ने से रोम छिद्र आसानी से बंद हो जाते हैं, जिसकी वजह से फेस पर पिंपल आने लगते हैं।
मानसून में पिंपल्स से कैसे बचें?
क्लींजर का इस्तेमाल करें- मानसून में सबसे जरूरी है चेहरे को साफ रखना। फेस पर जमी गंदगी को क्लीन करने के लिए और एक्सट्रा ऑयल निकलने से रोकने के लिए क्लींजर का उपयोग करें। मानसून में पीएच बैलेंस करने वाला क्लींजर उपयोग करें।
एक्सफोलिएशन- स्किन पर जमने वाली डेड सेल्स को हटाना भी बहुत जरूरी है। बंद पोर्स को खोलने के लिए आपको हफ्ते में 1-2 बार स्किन पर एक्सफोलिएटर का उपयोग करना चाहिए। हालांकि ज्यादा हार्ड एक्सफोलिएट्स से बचना जरूरी है। इससे डेड स्किन निकल जाएगी और त्वचा साफ हो जाएगी।
डाइट का ख्याल रखें- बारिश के दिनों में ज्यादा ऑयली खाने से बचें। तला भुना या ज्यादा मिर्च मसालेदार खाने से पिंपल्स बढ़ सकते हैं। बेहतर होगा इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा फल, सब्जियों और पानी से भरपूर चीजों का सेवन करें।
हाइड्रेट रहें- त्वचा को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। बारिश में लोग कई बार कम पानी पीते हैं। जिससे आपकी स्किन पर बुरा असर पड़ता है। पानी पीते रहें इससे हार्मोन संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। त्वचा का रूखापन कम होता है और स्किन नेचुरली हाइड्रेट रहती है।
Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।)

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