भारतीय शेयर बाजार में पिछले हफ्ते शानदर तेजी रही थी। बीएसई सेंसेक्स 2,876 अंक उछला था। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 1,011.8 अंक चढ़ गया था। मिड और स्मॉल कैप शेयरों में भी रैली देखने को मिली थी। शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल से निवेशकों को 26 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ था। ऐसे में क्या सोमवार से शुरू हो रहे हफ्ते में तेजी जारी रहेगी या फिर गिरावट आ सकती है। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह मुख्य रूप से कंपनियों के बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के नतीजों, विदेशी संस्थागत निवेशकों (PFI) के प्रवाह और वैश्विक रुख से तय होगी। अमेरिका के साथ ट्रेड डील से जुड़े घटनाक्रम और वैश्विक बाजारों की स्थिति पर भी सभी की निगाह रहेगी। अगर ट्रेड डील हो जाता है तो बाजार में तेजी जारी रह सकती है।
पाकिस्तान के साथ तनाव घटा
मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक पुनीत सिंघानिया का कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव अब शांत हो गया है और प्रमुख भू-राजनीतिक घटनाएं भी फिलहाल थम गई हैं। ऐसे में निवेशकों का ध्यान अब कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों पर केंद्रित होगा। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते के जल्द पूरा होने की उम्मीदें बाजार की धारणा को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं। इसके साथ ही घरेलू घटनाक्रम और वैश्विक आर्थिक आंकड़े भी निवेशकों के रुख और बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर 100 प्रतिशत शुल्क कटौती के लिए तैयार है और दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता जल्द ही संपन्न हो सकता है।
इन कंपनियों के रिजल्ट पर रहेगी नजर
इस सप्ताह जिन प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजे आने हैं उनमें पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, ओएनजीसी, सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज, आईटीसी और जेएसडब्ल्यू स्टील शामिल हैं। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि.के वरिष्ठ उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा कि इस सप्ताह कोई बड़ा वैश्विक या घरेलू घटनाक्रम नहीं है, ऐसे में बाजार का ध्यान तिमाही नतीजों तथा आने वाले आर्थिक आंकड़ों पर रहेगा। वैश्विक व्यापार करार से जुड़े घटनाक्रमों पर भी सभी की निगाह रहेगी। उन्होंने कहा कि साथ ही बाजार भागीदार विदेशी पूंजी के प्रवाह पर भी नजर रखेंगे, जिसने हाल के समय में बाजार की तेजी में प्रमुख भूमिका निभाई है। मिश्रा ने कहा कि इस सप्ताह ओएनजीसी, आईटीसी, हिंडाल्को, जेएसडब्ल्यू स्टील और पावर ग्रिड जैसी कंपनियां अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी।
विदेशी निवेशक जमकर कर रहे निवेश
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख – शोध (वेल्थ मैनेजमेंट) सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि आगामी सप्ताह में निवेशकों की नजरें कंपनियों के तिमाही नतीजों पर टिकी रहेंगी। उन्होंने बताया कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने वर्ष 2025 की पहली तिमाही में ₹1,16,574 करोड़ के शेयर बेचकर बिकवाली का रुख अपनाया था। हालांकि, अप्रैल से उनकी रणनीति में बदलाव आया है और वे फिर से लिवाल बन गए हैं। यह प्रवृत्ति मई में और तेज हुई है, जहां 16 मई तक एफआईआई ने कुल ₹23,778 करोड़ की शुद्ध खरीदारी की है। जियोजीत इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार ने कहा कि अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध में विराम और भारत-पाक तनाव की समाप्ति के बाद वैश्विक व्यापार और निवेश परिदृश्य में स्पष्ट सुधार देखने को मिल रहा है। इससे बाजार की धारणा को और मजबूती मिली है।

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