पीएम मोदी ने कहा- मु्द्रा लोन युवाओं में उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा दे रहा, 52 करोड़ लोन बांटे गए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि देश के युवाओं में उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने में मदद मिली है और उन्हें नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी प्रदाता बनने का आत्मविश्वास मिला है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, योजना की 10वीं वर्षगांठ पर उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना के तहत 33 लाख करोड़ रुपये से अधिक के जमानत-मुक्त लोन स्वीकृत किए गए हैं। इससे अनगिनत व्यक्तियों को अपने उद्यमशीलता कौशल का प्रदर्शन करने का अधिकार मिला है। पीएम मोदी अपने आवास पर पीएम मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के चुनिंदा लाभार्थियों से बातचीत में यह बात कही। पीएमएमवाई के तहत, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी), लघु वित्त बैंक (एसएफबी), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों (एमएफआई) द्वारा 20 लाख रुपये तक के जमानत-मुक्त लोन दिए जाते हैं।
अन्य लोगों को प्रेरित करने की अपील
खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों से कम से कम पांच से दस अन्य लोगों को प्रेरित करने और उनका समर्थन करने, उनमें आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता बढ़ाने का आग्रह किया। पीएम ने कहा कि यह विशेष रूप से उत्साहजनक है कि मुद्रा लाभार्थियों में से आधे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदायों से हैं, और 70 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं। हर मुद्रा लोन अपने साथ सम्मान, आत्म-सम्मान और अवसर लेकर आता है। वित्तीय समावेशन के अलावा इस योजना ने सामाजिक समावेशन और आर्थिक स्वतंत्रता भी सुनिश्चित की है।
महिलाओं ने सबसे अधिक लोन के लिए आवेदन किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना में सबसे अधिक संख्या में महिलाएं आगे आई हैं। महिलाओं ने सबसे अधिक लोन के लिए आवेदन किया है, सबसे अधिक लोन हासिल किए हैं और उन्हें चुकाने में भी सबसे तेज हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 सालों में बिना किसी गारंटी के नागरिकों को 33 लाख करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं और यह राशि अभूतपूर्व है। सामूहिक रूप से धनी व्यक्तियों को दी गई किसी भी वित्तीय सहायता से अधिक है। उन्होंने देश के प्रतिभाशाली युवाओं पर भरोसा जताया जिन्होंने रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए प्रभावी ढंग से धन का उपयोग किया है।
मुद्रा लोन का दायरा
पीएम ने कहा कि मुद्रा लोन शुरू में 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक था, अब 20 लाख रुपये तक पहुंच गया है, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विस्तार भारत के नागरिकों की उद्यमशीलता की भावना और क्षमताओं में रखे गए भरोसे को दर्शाता है, जो योजना के सफल कार्यान्वयन के माध्यम से मजबूत हुआ है। प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों को यह भी आश्वासन दिया कि सरकार इस योजना की समीक्षा करेगी और इसे और बेहतर बनाने के लिए कदम उठाएगी।

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