लखनऊ: उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में हरितालिका तीज का पर्व मनाया जाता है। पूर्वांचल के क्षेत्र में इस त्योहार को लेकर बड़ी मान्यता है। हरितालिका तीज को कजरी तीज भी कहा जाता है। मंगलवार को इस पर्व को मनाने के लिए महिलाएं विशेष व्रत रखती है। अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त करने के लिए सुहागिन महिलाएं हरतालिका तीज व्रत रख रही हैं।सुहागिन महिलाओं के इस तीज में महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं। तीज की शाम के समय महिलाएं श्रृंगार करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की पूजा करती हैं। हरतालिका तीज व्रत रखने और पूजा करने से सौभाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। अब हम आपको बताते है कि व्रत्र, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस त्योहार का महत्व क्या है।पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दो घंटे तक हीआचार्य कृष्ण देव पंडित ने बताया कि हरतालिका तीज पर सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती और जीवन में सुख-सुविधा और संपन्नता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हरतालिका तीज पर प्रदोष काल में पूजा करना सबसे उत्तम माना जाता है। ऐसे में आज शाम को 06: 33 मिनट से लेकर रात 08: 51 मिनट तक प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए।हस्त नक्षत्र का शुभ संयोग बन हुआलखनऊ के आचार्य कृष्ण देव पंडित के अनुसार हरितालिका तीज की भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-उपासना और अखंड सौभाग्यवाती होने का वरदान पाने के लिए भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को निर्जला व्रत रखा जाता है। इसे हरतालिका तीज या फिर तीजा कहा जाता है। आज यानी 30 अगस्त 2022 को हरतालिका तीज पर शुभ योग हस्त नक्षत्र का शुभ संयोग बन हुआ है। शुभ योग 30 अगस्त को दोपहर 01: 03 मिनट तक रहेगा और पूरे दिन हस्त नक्षत्र रहेगा। ऐसे में शुभ योग और नक्षत्र में हरतालिका पर्व और पूजा-पाठ मनाना बहुत ही फलदायी रहेगा।क्या जरूर करेंव्रत के दिन मायके से आई साड़ी पहने और अच्छे से श्रृंगार करें।अगर आपके पास हरे रंग की साड़ी है तो उसे जरूर पहनें नहीं तो लाल रंग की साड़ी भी पहन सकती हैं। ये दोनों ही रंग सुख और सौभाग्य के प्रतीक हैं।शुभ मुहूर्त में माता पार्वती, शिव जी और गणेश जी की पूजा करें, तीज व्रत की कथा जरूर सुनें।व्रत के दिन सूर्योदय से पहले जब फल, मिठाई आदि खाना होता है। उस समय कोशिश करें कि नारियल पानी आदि भी ले लें ताकि पूरे दिन शरीर में पानी की मात्रा बनी रहे। मिठाई भी इसलिए खाया जाता है ताकि पानी अधिक पी सकें।क्या न करेंइस दिन महिलाओं को भूल से भी काले कपड़ों को नहीं पहनना चाहिए। पूजा में काले कपड़े पहनना अच्छा नहीं माना जाता है।इस व्रत में दिन व रात में सोना वर्जित होता है। पूरी रात जागकर भगवान शिव व माता पार्वती के भजन किए जाते हैं।निर्जला व्रत करने वाली महिलाओं को इस दिन भूल से भी पानी नहीं पीना चाहिए। हालांकि यह नियम गर्भवती महिलाओं और बीमार महिलाओं के लिए नहीं माना जाता है।व्रत करते समय महिलाओं को क्रोध व गुस्से काबू रखना चाहिए। व्रत के दिन गुस्सा होने से व्रत खंडित हो जाता है।

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