महाराष्ट्र में बदलापुर यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस की जवाबी फायरिंग में मौत पर सियासी घमासान शुरू हो गया है। एक तरफ विपक्ष ने घटना पर आश्चर्य जताते हुए मामले में न्यायिक जांच की मांग की तो शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार सुबह बदलापुर रेलवे स्टेशन पर मिठाइयां बांटी। कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेशन पर पोस्टर भी प्रदर्शित किए। पुलिस अधिकारियों का मामले में कहना था कि शिंदे को जब तलोजा जेल से बदलापुर लाया जा रहा था तो उसने पुलिस की रिवॉल्वर छीनी और गोली चला दी। जवाबी हमले में वो मारा गया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्कूल में सफाईकर्मी के रूप में काम करने वाले अक्षय शिंदे को उसकी पूर्व पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए एक अन्य मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार को जब तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था तभी उसने पुलिसकर्मियों में से एक की रिवॉल्वर छीन ली और गोली चला दी। इसके जवाब में पुलिस ने भी गोलीबारी की। उन्होंने बताया कि घटना के बाद, उसे कालवा स्थित एक अस्पताल ले जाया गया, जहां चोटों के चलते उसने दम तोड़ दिया।
शिवसेना ने बांटी मिठाइयां
बदलापुर यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस की जवाबी फायरिंग में गोली लगने से मौत के एक दिन बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने ठाणे के बदलापुर रेलवे स्टेशन पर पोस्टर प्रदर्शित किए और मिठाइयां बांटीं। उधर, मामले में विपक्षी दलों द्वारा न्यायिक जांच की मांग उठाई जा चुकी है। मामले में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस ने आरोपी को आत्मरक्षा में गोली मारी। आरोपी की गोलीबारी में एक एएसआई घायल हो गया, जिसका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
पुलिस ने बताई एनकाउंटर की कहानी
ठाणे पुलिस ने एक बयान में कहा, “पुलिस टीम ने शाम 5:30 बजे उसे अपनी हिरासत में लिया। वापसी में पुलिस की गाड़ी शाम 6 से 6:15 बजे के बीच मुंब्रा बाईपास पर थी, तभी आशके अन्ना शिंदे (24) ने एपीआई नीलेश मोरे की सर्विस रिवॉल्वर छीन ली और पुलिस दल पर तीन गोलियां चला दी। एक गोली मोरे के पैर में लगी। दो अन्य गोलियां इधर उधर चली गईं।”
पुलिस ने कहा, “ आत्मरक्षा में पुलिस दल के एक अन्य अधिकारी ने आरोपी पर एक गोली चलाई, जिससे वह घायल हो गया। एपीआई मोरे और शिंदे को कलवा सिविक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मोरे को जुपिटर अस्पताल रेफर कर दिया। कलवा सिविक अस्पताल के डॉक्टरों ने शिंदे को मृत घोषित कर दिया। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए मुंबई के जेजे अस्पताल भेजा जाएगा।”
विपक्ष ने एनकाउंटर पर उठाए सवाल
विपक्षी दलों ने इस घटना की निंदा की है, जिन्होंने घटनाक्रम पर सवाल उठाए हैं और यह भी पूछा है कि क्या यह उस मामले में सबूत नष्ट करने का प्रयास है, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश पैदा किया था। कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया कि यह मुठभेड़ कुछ अन्य लोगों को बचाने के लिए की गई। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, ‘‘यह चौंकाने वाला है। इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए।’’ वडेट्टीवार ने कहा, ‘‘क्या यह सबूत नष्ट करने का प्रयास है? उसने रिवॉल्वर कैसे छीन ली और पुलिस इतनी लापरवाह कैसे थी? हम इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हैं।’’
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने आश्चर्य जताया कि क्या यह मुठभेड़ स्कूल के न्यासियों को बचाने के लिए की गई, जिन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस ने आरोपी अक्षय शिंदे को आत्मरक्षा में गोली मारी। मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अक्षय शिंदे की पूर्व पत्नी ने उस पर यौन हिंसा का आरोप लगाया था और पुलिस उसे इन आरोपों के सिलसिले में जांच के लिए ले जा रही थी। उसने एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीन ली और गोली चला दी। पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई।’’
आरोपी की मां बोली- न्यायिक जांच हो
वहीं, आरोपी अक्षय शिंदे की मां और चाचा ने इस घटना को “मुठभेड़” करार दिया और न्याय की मांग की। इस बीच, पीड़ित बच्चियों के वकील ने इसे न्याय की हत्या बताया है। पिछले महीने, ठाणे जिले के एक स्कूल के शौचालय में शिंदे द्वारा दो बच्चियों का कथित यौन उत्पीड़न किए जाने के बाद सड़कों और स्थानीय रेलवे स्टेशन पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।
गौरतलब है कि स्कूल ने एक अगस्त को अपने शौचालयों की सफाई के लिए अक्षय शिंदे (23) को अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया था। स्कूल के शौचालय में, 12 अगस्त को दोनों बच्चियों के साथ कथित तौर यौन उत्पीड़न किया गया था। आरोपी को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था।

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