हर साल मॉनसून के दौरान भारत में बारिश से पहले तेज हवाएं चलती हैं। ये तूफान बादलों में मौजूद नमी और गर्मी का नतीजा हैं। जब गर्म हवा ऊपर उठती है, तो वह ठंडी हवा से टकराती है, जिससे हवा का दबाव बदलता है। इससे तेज हवाएं और आंधी शुरू होती है। 2024 में भारत में मॉनसून 10% ज्यादा सक्रिय रहा, जिससे तूफानी बारिश की घटनाएं बढ़ीं। ये प्रक्रिया खासकर तटीय इलाकों में ज्यादा देखी जाती है।
तूफान और बारिश का कनेक्शन प्रकृति का एक नाजुक संतुलन है। गर्मी के कारण जमीन की सतह गर्म होती है, जिससे हवा में नमी बढ़ती है। ये नमी बादलों में जमा होती है, और जब ये बादल टकराते हैं, तो बिजली और तेज हवाएं पैदा होती हैं। ये तूफान बारिश को और भारी बनाते हैं। मौसम विभाग अब सैटेलाइट और रडार से इन बदलावों की सटीक भविष्यवाणी करता है, जिससे नुकसान कम हो। लेकिन ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी अभी भी चुनौती है।
बादलों में कैसे जन्म लेते हैं तूफान? जानिए हवा और नमी की ये प्रक्रिया
तूफान का जन्म बादलों में होता है। गर्म हवा ऊपर उठकर ठंडी हवा से मिलती है, जिससे क्यूमुलोनिम्बस जैसे बड़े बादल बनते हैं। इन बादलों में तेज हवाएं और बिजली पैदा होती है। ये प्रक्रिया मॉनसून के दौरान ज्यादा सक्रिय होती है, क्योंकि समुद्र से नमी वाली हवाएं आती हैं। केरल और बंगाल जैसे तटीय राज्यों में ये तूफान ज्यादा तीव्र होते हैं। सैटेलाइट डेटा से पता चला कि 2024 में ऐसी घटनाएं 15% बढ़ीं। लेकिन इन तूफानों को रोकना असंभव है, क्योंकि ये प्रकृति का हिस्सा हैं।
क्यों आता है तूफान? तापमान, दबाव और हवा का विज्ञान
बारिश से पहले तूफान आने की वजह है हवा का दबाव और तापमान का अंतर। गर्म जमीन हवा को गर्म करती है, जो ऊपर उठकर ठंडी हवा से टकराती है। इससे हवा में उथल-पुथल होती है, जो तूफान का रूप लेती है। ये प्रक्रिया बादलों में बिजली और तेज हवाएं पैदा करती है। भारत में मॉनसून के समय ये ज्यादा आम है, क्योंकि समुद्र से नमी बढ़ती है। मौसम वैज्ञानिक अब AI और डेटा का इस्तेमाल करके इनका पहले से अनुमान लगा रहे हैं। फिर भी, छोटे शहरों में अलर्ट सिस्टम को और मजबूत करना जरूरी है।
तूफानों से नुकसान भी और फायदा भी
तूफान बारिश को तेज करने में मदद करते हैं, जो खेती के लिए फायदेमंद है। ये हवाएं प्रदूषण को भी कम करती हैं, क्योंकि धूल और कण हवा से साफ हो जाते हैं। लेकिन तेज तूफान नुकसान भी कर सकते हैं, जैसे पेड़ गिरना या बिजली गुल होना। 2024 में भारत में तूफानों से 20% ज्यादा नुकसान हुआ। सरकार ने आपदा प्रबंधन को बेहतर किया है, जैसे तुरंत अलर्ट और राहत टीमें। भविष्य में मौसम की सटीक भविष्यवाणी और जागरूकता इस नुकसान को और कम कर सकती है।
