बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने गुजारा भत्ता के नाम पर पुरुषों को ठगने वाली महिला की जमानत याचिका खारिज कर दी है। म
बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने तलाक और मेंटिनेंस के नाम पर पुरुषों को ठगने वाली महिला की जमानत याचिका खारिज कर दी है। महिला पर आरोप है कि महिला पहले मेंटिनेंस पाने के लिए केस करती थी और बाद में शेटलमेंट होने के बाद केस वापस ले लेती थी। लताबाई जाधव और उसके दो वकीलों के खिलाफ सिलोद सिटी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था। सुनवाई में देरी की बात कहते हुए जाधव ने जमात याचिका फाइल की थी। सेशन कोर्ट और मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भी उसकी याचिका को खारिज कर दिया था।
जस्टिस एसजी मेहारे की बेंच ने कहा, सुनवाई में थोड़ी देरी हो गई है और इसलिए उम्मीद है कि ट्रायल कोर्ट अब तेजी से सुनवाई करेगा। दोनों कोर्ट में हुई अब तक की सुनवाई के मुताबिक मामला सच लगता है। याचिकाकर्ता महिला का पास्ट भी अच्छा नहीं रहा है। ऐसे में कहा जा सकता है कि जमानत के बाद वह फरार हो सकती है।
जस्टिस मेहारने कहा कि ऐसा लगता है कि ट्रायल कोर्ट पूरी कोशिश कर रहा है कि जल्द से जल्द सुनवाई पूरी की जाए। लेकिन कई बार यह अधिकृत अधिकारी के नियंत्रण में नहीं होता है। यह एक टीमवर्क है। संबंधित सभी पक्षों को कोर्ट का सपोर्ट करना चाहिए ताकि तय समय में केस निपटाया जा सके। एक शख्स ने दावा किया कि वह कभी जाधव से मिला ही नहीं और पता चला है कि जाधव ने अपने दो वकीलों के साथ मिलकर तीन अन्य लोगों पर भी इसी तरह का केस किया है। वह फर्जी नाम के साथ इस तरह के केस करती है।
उन्होंने हाई कोर्ट को बताया कि दो केसों में कोर्ट के बाहर शेटलमेंट हो गया और फिर केस वापस ले लिया गया। वहीं तीनों केसों में कहानी एक ही थी। शख्स की याचिका के बाद कोर्ट ने मामले की जांच करने का आदेश दिया था। रिपोर्ट मिलने के बाद पता चला कि दो वकील महिला के साथ मिलकर लोगों पर फर्जी केस करते थे और फिर कोर्ट के बाहर शेटलमेंट करके केस वापस ले लेते थे। 15 अक्टूबर 2023 को जाधव के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई थी।

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