
इस एक्टर 1976 में किया था डेब्यू।
आज अगर कोई नया एक्टर कोई अवॉर्ड अपने नाम कर लेते है तो वो खुद को फिल्म इंडस्ट्री का भविष्य समझ लेता है। लेकिन, आज हम आपको एक ऐसे एक्टर के बारे में बताएंगे जिसके पास न तो घर था, न पैसे और न ही ढंग के कपड़े, फिर भी उन्होंने अपनी पहली ही फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड जीता और फिर कई शानदार फिल्मों से बड़े-बड़े स्टार्स के स्टारडम को टक्कर दी। आपको जानकर हैरानी होगी कि इतने स्टारडम के बाद भी ये एक्टर भूख से लड़ रहा था। दिलचस्प बात ये है कि जब एक पत्रकार ने इस अभिनेता से इंटरव्यू के लिए पूछा तो एक्टर ने बिना सोचे समझे बस उससे खाना मांगा और कहा- ‘मुझे बिरयानी खिला दो, मैं इंटरव्यू दे दूंगा।’ आइए इस एक्टर के बारे में और भी बातें जानते हैं।
1976 में की थी करियर की शुरुआत
हम यहां जिस एक्टर की बात कर रहे हैं, वह कोई और नहीं बल्कि 70 के दशक के बॉलीवुड सुपरस्टार मिथुन चक्रवर्ती हैं। मिथुन चक्रवर्ती का असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ‘मृगया’ से की थी। ये फिल्म 1976 में रिलीज हुई थी। मिथुन चक्रवर्ती इंडस्ट्री के उन सुपरस्टार्स में से एक हैं, जिन्होंने अपनी पहली ही फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड अपने नाम कर लिया था। हालांकि, अवॉर्ड जीतने के बावजूद मिथुन के पास एक पैसा भी नहीं था और वह भूखे पेट सोते थे।
जब स्ट्रगल के दिनों में भूखे पेट सोए मिथुन चक्रवर्ती
डीएनए की एक रिपोर्ट में मिथुन चक्रवर्ती के उस इंटरव्यू का जिक्र किया गया है, जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्होंने वो दिन भी देखे हैं, जब उन्हें खाली पेट सोना पड़ता था। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था- “मैंने ऐसे दिन भी देखे हैं, जब मुझे कभी-कभी खाली पेट सोना पड़ता था। मैं रोते हुए सो जाता था। ऐसे भी दिन थे, जब मेरे दिमाग में ये ख्याल आते थे कि अगली बार मुझे खाना कब मिलेगा और मैं कहां सोऊंगा। मैं कई दिनों तक फुटपाथ पर भी सोया हूं।”
पिता के स्ट्रगल के बारे में मिमोह ने की थी बात
मिथुन चक्रवर्ती अपने स्ट्रगल के किस्से डांस रियेलिटी शो ‘डांस इंडिया डांस’ में भी शेयर कर चुके हैं। वहीं उनके बेटे मिमोह चक्रवर्ती भी अपने पिता के स्ट्रगल के बारे में बात कर चुके हैं। मिमोह ने सिद्धार्थ कनन के साथ इंटरव्यू में अपने पिता के उन दिनों के बारे में भी बताया, जब उन्हें बी ग्रेड फिल्मों में काम करना पड़ा था। इस पर उन्होंने कहा था कि उनके पिता ने जो भी किया, अपने परिवार और उनके भविष्य को संवारने के लिए किया था।
बी ग्रेड फिल्में में किया काम
एक समय था जब मिथुन चक्रवर्ती को ‘बी-ग्रेड फिल्मों का बादशाह’ कहा जाता था। उनकी फिल्में मेट्रो शहरों में खूब देखी जाती थीं और वही फिल्में बी और सी सेंटर्स में ब्लॉकबस्टर साबित होती थीं। उनकी फिल्मों ‘गुंडा’, ‘जल्लाद’ और ‘दलाल’ को बड़ी फिल्में माना गया। दिलचस्प बात यह है कि मिथुन चक्रवर्ती के उत्तर प्रदेश और भारत के अन्य क्षेत्रों में बहुत बड़े प्रशंसक थे। इसलिए उन्हें ‘बी-ग्रेड फिल्मों का बादशाह’ का खिताब मिला, क्योंकि उन्होंने बी और सी क्षेत्रों पर अपना दबदबा बनाया, जो उस समय कोई अन्य अभिनेता कभी हासिल नहीं कर सका।
एक साथ 6 शिफ्ट में करते थे काम
हाल ही में मिथुन के बेटे मिमोह ने यूट्यूब चैनल डिजिटल कमेंट्री से बातचीत में अपने पिता के स्ट्रगल, सफलता और असफलता के बारे में बात की। मिमोह ने कहा कि एक समय ऐसा भी था जब उनके पिता यानी मिथुन चक्रवर्ती एक साथ 18 फिल्मों की शूटिंग कर रहे थे और 6 शिफ्ट में काम करते थे। 1982 में ‘डिस्को डांसर’ करने के बाद मिथुन चक्रवर्ती की लोकप्रियता आसमान छूने लगी थी।
