अमेरिका के एक फैसले ने ग्लोबल मार्केट को उथल-पुथल कर दिया। भारतीय शेयर बाजार (indian stock market) भी 7 अप्रैल को पूरी तरह टूट गया। हालांकि 6 अप्रैल को ‘ब्लैक मंडे’ की घोषणा कर दी गई थी। 7 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों ने अपना बड़ा पैसा गंवा दिया। अब सभी की निगाहें आज यानी 8 अप्रैल के कारोबार पर टिकी हैं। क्या भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर अपने मुकाम पर पहुंचेगा? क्या आज की रौनक कल की भरपाई कर पाएगी? यही सवाल अब सभी के मन में है।
आज के कारोबार में सेंसेक्स 700 अंक चढ़ा है, जबकि निफ्टी में भी 230 अंकों की तेजी देखने को मिली है। कारोबार ने हल्की तेजी लेकर रिकवरी की ओर कदम बढ़ाया है, लेकिन जिस तरह की गिरावट कल झेली गई, महज इतने अंकों की तेजी से बाजार रिकवर नहीं कर सकता। कल 3% की गिरावट भारतीय शेयर बाजार (indian stock market) में नजर आई थी।
कितना रिकवर हुआ भारतीय शेयर बाजार (indian stock market)
हालांकि सेंसेक्स अब 73800 के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जबकि निफ्टी भी 22400 के स्तर पर पहुंच चुका है। आज के कारोबार में सेंसेक्स के 30 में से 28 शेयर तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं, जिससे साफ हो रहा है कि बाजार अब तेज गति से रिकवरी की ओर बढ़ रहा है। आज बैंकिंग और रियल्टी सेक्टर में अच्छा माहौल देखने को मिल रहा है।
आज इस कारण से उठा है बाजार (indian stock market)
अब नजर डालते हैं कि किन कारणों से बाजार में आज रौनक लौटी है। सबसे पहली बात यह है कि आज एशियाई बाजारों में रौनक है। आज जापान का निक्केई इंडेक्स करीब 6% चढ़कर कारोबार कर रहा है, जबकि हांगकांग के इंडेक्स में भी 2% की तेजी नजर आ रही है। आज से इंटरनेशनल एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाला निफ्टी भी 1.5% की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। निफ्टी 50 और सेंसेक्स में आई ग्रोथ को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि शॉर्ट कवरिंग और नई खरीदारी की उम्मीद है।
बीते दिन क्या हुआ था?
बीते दिन का कारोबार कोई नहीं भूल सकता। न सिर्फ भारतीय शेयर बाजार(indian stock market) बल्कि पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में भूचाल मचा था। 7 अप्रैल को अमेरिका का डॉव जोन्स मार्केट 350 अंक गिरकर बंद हुआ, जबकि S&P 500 इंडेक्स में 0.23% की गिरावट देखने को मिली। बीते दिन चीन के शंघाई कंपोजिट इंडेक्स में 7.34% की गिरावट देखने को मिली थी, जबकि हांगकांग का इंडेक्स तो 13.22% तक टूट गया। वहीं जापान के निक्केई में भी 7.83% की भारी गिरावट देखने को मिली। यूरोपीय बाजार भी पूरी तरह फिसल गए। यह गिरावट अब तक की सबसे बड़ी 10 गिरावटों में दर्ज हो गई है।
