बेबसी:बाढ़ के बीच किसान को आया हार्टअटैक, अस्पताल जाने को नहीं मिली किश्ती, घर के आंगन में किया अंतिम संस्कार – Farmer Dies Of Heart Attack In Flood-affected Area Of Punjab, Cremated In Courtyard Of House

मृतक का फाइल फोटो।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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पंजाब के कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी क्षेत्र में बाढ़ के पानी को देखकर के मंड एरिया के एक किसान की मौत हो गई। बेबसी की हद तो तब हो गई, जब गांव-घर-फसल के पानी में डूबने के सदमें में किसान को हार्ट अटैक आया और कहीं किश्ती नहीं मिली। मुश्किलों से जब किश्ती का इंतजाम हुआ तो तब किसान की मौत हो चुकी थी। कुछ दिन पहले भी किसान की तबियत बिगड़ गई थी।
फिर अंतिम संस्कार की बात आई तो श्मशान घाट भी जलमग्न था, तो ऐसे में घर को डूबने से बचाने के लिए पहले से ही खेत से लाकर रखी मिट्टी में ही किसान का अंतिम संस्कार करना पड़ा। यह हृदयविदाकर घटना है सुल्तानपुर लोधी के मंड एरिया के गांव बाऊपुर कदीम की, जहां पर 54 वर्षीय किसान टहल सिंह की शुक्रवार को हार्टअटैक से मौत हो गई।
मृतक टहल सिंह के भांजे कुलदीप सिंह ने दुखी मन से बताया कि उनके मामा टहल सिंह की कोई संतान नहीं है और वह उनके पास ही रहते थे। कुछ दिन पहले गांव के बाढ़ के पानी में घिरने से उनकी तबियत बिगड़ गई और वह उन्हें इलाज के लिए ले जाने के लिए कह रहा था।
अब पूरे गांव समेत उनका घर भी बाढ़ के पानी सेघिरा हुआ था। शुक्रवार की सुबह उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई। उसने कई जगह बोट की व्यवस्था करने के लिए फोन किए, लेकिन बोट नहीं मिली। काफी देर बाद जब एक किश्ती वाले का फोन आया कि वह आ रहा है, लेकिन जब तक वह पहुंचता उससे पहले ही उनके मामा की मौत हो गई थी।
कुलदीप के अनुसार गांव के पानी में डूबने व आठ एकड़ की फसल पानी में समाने से उनके मामा सदमे थे। जिससे उनकी तबियत बिगड़ रही थी। घर को पानी में डूबने से बचाने के लिए कुछ दिन पहले ही खेत मिट्टी लाकर घर के आंगन में रखी गई थी, लेकिन मामा जी के गुजरने के बाद श्मशान घाट भी पानी से भरे होने के चलते उसी मिट्टी को आंगन में बिछाकर ऊंचा किया गया और बोट से लकड़ियां मंगवाकर घर के आंगन में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया।
उसने बताया कि लकड़ियां भी गीली थी, जिन्हें तेल डाल-डालकर जलाया गया। उसने बताया कि घर में उसके समेत पांच लोग हैं। इस समय भी घर पानी में घिरा हुआ है। उसने जिला प्रशासन से मांग की है कि उनका पारिवारिक सदस्य तो चला गया, लेकिन किसी और के साथ ऐसा न हो, इसके लिए बोट की व्यवस्था की जाए, जिससे समय पर बीमार व्यक्ति को उपचार के लिए ले जाया जा सके।
डीसी कपूरथला कैप्टन करनैल सिंह ने कहा कि उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है। फिर भी वह इसे बारे में अधिकारियों से पता करवाते हैं।

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