भारत एक ऐसा देश है जहां पर नेचर को हमेशा से ही बहुत खास दर्जा दिया जाता है। यहां पेड़-पौधे तो नेचर का हिस्सा ही नहीं बल्कि धार्मिक आस्था की नजर से भी देखे जाते हैं। वहीं, पेड़-पौधे आयुर्वेदिक चिकित्सा का भी हिस्सा हैं। हिंदू धर्म में इस पौधे को भगवान का दूसरा रूप भी माना जाता है और यदि इस पौधे को आयुर्वेद की नजर से देखा जाए तो यह बहुत ही गुणकारी पौधा है।
बोलचाल की भाषा में इस पौधे को आक पौधा भी कहते हैं, जिसका उपयोग हिंदू मान्यताओं के अनुसार अधिकतर लोग पूजा-पाठ में करते हैं। यह पौधा दो प्रकार का होता है—पहला सफेद फूलों वाला और दूसरा बैंगनी फूलों वाला। इसका उपयोग कई प्रकार की बीमारियों के उपचार में किया जाता है।
हिंदू धर्म में बहुत खास स्थान, पूजा में होता हे खास स्थान
माना जाता है कि सफेद आक के पौधे की जड़ को यदि सोमवार या बुधवार के दिन पूजा करके चांदी की ताबीज में रखकर पहना जाए तो यह बुध ग्रह के दोषों को दूर करता है और इसके साथ-साथ दिमाग को भी तेज करता है। कई बार तो 113 साल पुराने आक के पौधे की जड़ें गणेश जी के रूप में भी बदल जाती हैं, जिनकी पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसलिए इसकी बहुत मान्यताओं के साथ पूजा की जाती हैं।
जोड़ों के दर्द मे देता हे आराम
आजकल बढ़ती उम्र के साथ-साथ काफी सारे लोग जोड़ों के दर्द से परेशान हैं। ज्यादा उम्र के लोगों में तो यह बहुत ही आम बात है। आक के पत्ते इस परेशानी में बहुत फायदेमंद होते हैं। इसके लिए आक के ताजे पत्तों को हल्का गर्म करके दर्द वाली जगह पर लगा दें तो इससे दर्द में तुरंत राहत मिलती है। यदि इसे सरसों के तेल में गर्म करके लगाया जाए तो और भी जल्दी राहत मिलने लगती है।
बवासीर पेशेंट्स के लिए तो किसी राम-बाण से काम नहीं
बवासीर बहुत ही खतरनाक बीमारी है, जिससे कई लोग परेशान रहते हैं। इस पौधे के दूध में चमत्कारी गुण होते हैं, जिसे यदि आप मस्सों पर लगाएं तो बहुत ही आराम मिल सकता है। छोटे मस्से लगभग 10 दिनों में ठीक हो जाते हैं, जबकि बड़े मस्सों के लिए लगभग 1 महीने तक समय लगता है।
दांतों को भी देता है आराम
हर व्यक्ति को अपने दांत प्यारे होते हैं। दांत में अगर कोई परेशानी आ जाए तो लोगों के लिए खाना तक मुश्किल हो जाता है। पुराने समय में लोग इस पौधे के दूध को अपने मसूड़ों पर लगाते थे, जिससे उन्हें दांतों के दर्द में आराम मिलता था। इसके साथ ही यह दांत में कीड़े लगने से भी बचाता है और मसूड़ों को मजबूत करता है।
नोट :- यदि इस पौधे का सही तरह से उपयोग किया जाए तो कई खतरनाक बीमारियां ठीक हो सकती हैं, लेकिन इसका बिना किसी जानकर की सलाह के उपयोग न करे क्योंकि यह आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है। यह पौधा ईश्वर का दूसरा रूप जरूर है, लेकिन इसका उपयोग किसी जानकर से पूछकर ही करे।
