अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से कई देशों पर टैरिफ का बोझ डालने से दुनियाभर के बाजारों में बिकवाली हावी है। इसका असर भारतीय बाजार पर भी हुआ है। भारतीय बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों को लाखों करोड़ डूब गए हैं। हालांकि, मर्कोट एक्सपर्ट का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों को डरने की जरूरत नहीं है। उन्हें बस अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारत माध्यम से लंबी अवधि के लिहाज से आकर्षक और काफी अवसरों वाला मजबूत बाजार है। इसलिए निवेशकों को मौजूदा हालात से घबराने के बजाय लंबी अवधि की वित्तीय योजनाओं पर टिके रहने की जरूरत है।
पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना जरूरी
एक्सपर्ट का सुझाव है कि निवेश्कों को अपना बचत का पैसा किसी एक जगह लगाने के बजाय बॉन्ड, सोने, एफडी समेत अन्य क्षेत्रों पर लगाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि अमेरिका के शुल्क लगाने की घोषणा के बाद हाल में शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के साथ म्यूचुअल फंड में विशेषकर इक्विटी से जुड़े रिटर्न पर भी असर पड़ा है। वहीं सोने के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने से निवेशक इसमें नये निवेश से बच रहे हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के प्रमुख (निवेश उत्पाद) अमर रानू ने कहा कि उथल-पुथल से भरी दुनिया में, भारत एक ऐसा बाजार है, जो स्थिर और अवसरों से भरा है। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए भरोसे के साथ पूंजी लगाने के लिए माहौल अनुकूल है। मौजूदा हालात में चुनिंदा बॉन्ड में निवेश, सुरक्षा के लिए सोने और शेयरों में एसआईपी सबसे अच्छे उपाय हो सकते हैं।
यूनियन एसेट मैनेजमेंट कंपनी प्राइवेट लि. के इक्विटी प्रमुख संजय बेम्बालकर ने कहा कि भारत वैश्विक व्यापार के लिहाज से एक आकर्षक गंतव्य बना हुआ है। निवेशकों को धैर्य बनाए रखना चाहिए और विविध निवेश पोर्टफोलियो पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा हालात में निवेशकों को पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना चाहिए।
वेंचुरा सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख,विनित बोलिंजकर ने कहा कि विविध रणनीति अपनाना अत्यंत जरूरी है। अच्छी कंपनियों के शेयर, सोना और कम अवधि के बॉन्ड मिलकर एक संतुलित पोर्टफोलियो बना सकते हैं। इक्विटी में निवेश करते समय बुनियादी बातों पर ध्यान दें और सट्टेबाजी से बचें।
सोना, चांदी, REIT और InvIT को शामिल करें
- बाजार में गिरावट के समय सोना और चांदी निवेश में स्थिरता प्रदान करते हैं।
- REITs (रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट) और InvITs (इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट) से निवेशकों को स्थिर नकदी प्रवाह और विविधता मिलती है।
- इन परिसंपत्तियों की पोर्टफोलियो में हिस्सेदारी 20–30% से अधिक नहीं होनी चाहिए।
