भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) ने प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए बातचीत को आगे बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं। इसका अगला दौर 12 मई को शुरू होने वाला है। वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव एल सत्य श्रीनिवास ने कहा कि 10वें दौर की बातचीत में वस्तुओं, सेवाओं, निवेश और सरकारी खरीद में बाजार पहुंच प्रस्तावों जैसे क्षेत्रों पर फोकस किया गया। पीटीआई की खबर के मुताबिक, दोनों पक्ष वार्ता को आगे बढ़ाने की कोशिश में तेजी लाने पर सहमत हुए हैं। 11वां दौर 12-16 मई तक निर्धारित है।
बातचीत करने के विकल्प की खोज कर रहे
खबर के मुताबिक, दोनों देश अनिश्चित वैश्विक व्यापार माहौल के बीच अपने मुक्त व्यापार समझौते पर चरणों में बातचीत करने के विकल्प की खोज कर रहे हैं। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के साथ दो चरणों में इस तरह के व्यापार समझौतों पर बातचीत करने की प्रथा को फॉलो किया है। समझौते पर वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि अगर कुछ मुद्दे जो व्यापार के लिए बहुत अहम नहीं हैं, उन्हें हल करने में कुछ और समय लग सकता है, तो बेहतर है कि मुख्य व्यापार मुद्दों पर ध्यान दिया जाए। इसलिए हम कहते हैं कि पहले काम पहले करें।
व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने की कोशिश
श्रीनिवास ने कहा कि हम यूरोपीय संघ के साथ भी चर्चा कर रहे हैं कि पहले चरण की शुरुआती क्या हो सकती है, जहां हम तेजी से काम कर सकें। इसलिए हम यूरोपीय संघ के साथ बहुत ही व्यावहारिक दृष्टिकोण अपना रहे हैं, जैसा कि हम अमेरिका या ऑस्ट्रेलिया के साथ अपना रहे हैं। दोनों पक्ष इस साल के आखिर तक बातचीत खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। भारत-न्यूजीलैंड व्यापार समझौते पर उन्होंने कहा कि इसे अभी लॉन्च किया गया है और एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) है जिसका भारत इन वार्ताओं में पालन करेगा। भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते पर श्रीनिवास ने कहा कि दोनों टीमें लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए काम कर रही हैं।
भारत और दक्षिण अमेरिकी देश चिली के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के लिए बातचीत 1 अप्रैल को शुरू हुई थी। चिली एलएसी (लैटिन अमेरिका और कैरिबियन) क्षेत्र में भारत का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसका द्विपक्षीय व्यापार अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान 3.59 अरब अमेरिकी डॉलर है। पेरू के साथ, भारतीय टीम ने इस महीने की शुरुआत में सातवें दौर की वार्ता पूरी की। यह एलएसी क्षेत्र में देश का पहला एफटीए होगा।

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