आंध्र प्रदेश की भावी राजधानी अमरावती इतिहास बनाने की राह पर है। यह शहर पूरी तरह से रिन्यूएबल एनर्जी से संचालित होने वाला दुनिया का पहला शहर बनने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। शहर के योजनाकार एक आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल ‘पीपुल्स कैपिटल’ बनाने की तैयारी में हैं। अधिकारियों के अनुसार, 2,700 मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी का उत्पादन करने की महत्वाकांक्षी योजना के साथ इस शहर का इरादा सौर, पवन और जलविद्युत जैसे टिकाऊ स्रोतों से अपनी सभी बिजली की ज़रूरतों को पूरा करना है।
65,000 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की महत्वाकांक्षी नई राजधानी शहर परियोजना भारत की नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई के प्रति व्यापक प्रतिबद्धता को दर्शाती है। कृष्णा नदी के किनारे बनने वाली इस नई राजधानी की आधारशिला इस महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखे जाने की संभावना है। 65,000 करोड़ रुपये की यह परियोजना 217 वर्ग किलोमीटर में फैली होगी। जबकि आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र 8,352 वर्ग किलोमीटर में विस्तृत है।
2050 तक अमरावती को 2,700 मेगावाट बिजली की जरूरत
अधिकारियों ने बताया कि विजयवाड़ा और गुंटूर के बीच विकसित हो रही यह नई राजधानी न केवल ग्रीन अर्बन प्लानिंग में भारत की नवीनता को प्रदर्शित करेगी, बल्कि ग्लोबल क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन में इसके नेतृत्व को भी मजबूत करेगी। मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि यह 2,700 मेगावाट क्षमता न केवल जीवाश्म ईंधन पर शून्य निर्भरता सुनिश्चित करेगी, बल्कि शहरी स्थिरता के लिए एक वैश्विक मानक भी स्थापित करेगी। अपने स्मार्ट सिटी डिज़ाइन में अत्याधुनिक एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर को शामिल करके अमरावती दुनिया भर के भविष्य के शहरों के लिए एक आदर्श बनने की क्षमता रखती है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि 2050 तक अमरावती को 2,700 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होगी, जिसमें से कम से कम 30 प्रतिशत सौर और पवन ऊर्जा सहित रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों से प्राप्त की जाएगी।
