भोपाल: पेंक्रियाज से निकली सिस्ट के टुकडे़भोपाल में पहली बार पेंक्रियाज से सिस्ट निकाकर डॉक्टरों ने मरीज को नई जिंदगी दी है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में गुरुवार को पेंक्रियाज(अग्नाशय) में जमा गठान (सिस्ट) को लेप्रोस्कोपिक (दूरबीन) पद्वति ऑपरेशन किया गया। डॉक्टरों की मानें तो बीते एक दशक में दुनिया भर में इस तरह कि सिर्फ 33 केस ही मिले हैं। जानकारी के मुताबिक 25 साल की एक युवती लंबे समय से पेट दर्द से परेशान थी। लंबे उपचार के बाद भी पेट दर्द कम होने के बजाय बढ़ गया तो उसने एम्स के सर्जीकल गेस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग मे डॉक्टर को दिखाया। यहां जांच के बाद युवती के पेंक्रियाज में सिस्ट का पता चला। डॉक्टरों का कहना था कि युवती एक्यूट पेक्रियाटिस्ट से परेशान थी। आमतौर पर गांठ किडनी और लंग्स के आसपास बनतीं हैं। लेकिन पेंक्रियाज में सिस्ट जमा होना होना अत्यंत दुर्लभ माना जाता है।जटिल थी सर्जरीएम्स से मिली जानकारी के मुताबिक सिस्ट का आकार बड़ा था और पेंक्रियाज की प्रमुख वाहिकाओं और अन्य महत्वपूर्ण संरचनाओं को जकड़ लिया था। ऐसे में ओपन सर्जरी करना मुश्किल था, डॉक्टर्स ने लेप्रोस्कोपिक (कीहोल सर्जरी) विधि से इस सिस्ट को निकालने का फैसला किया। आॅपरेशन में एनेस्थीसिया, रेडियोडायग्नोसिस और पैथोलॉजी विभाग का विशेष योगदान रहा ।जर्नल में प्रकाशित हुआ केसयुवती को हाइडैटिड सिस्ट रोग था जो एक कृमि के संक्रमण से होता है। यह मुख्य रूप से लीवर(यकृत) को प्रभावित करता है, पेंक्रियाज में सिस्ट होना दुर्लभ होता है। इस केस स्टडी को कोरियन एसोसिएशन ऑफ हेपेटोबिलरी पैन्क्रिएटिक सर्जरी द्वारा अपने इंटरनेशनल जर्नल में भी प्रकाशित किया गया है।

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