मंत्री स्वतंत्र देव वाराणसी में बोले- पानी जबरदस्त आ रहा है; मुख्यमंत्री का निर्देश है जिम्मेदार लोग सड़क पर रहें
वाराणसी: आदमपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में बाढ़ पीड़ितों को फल और दूध वितरित करते हुए जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह।उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना सहित अन्य नदियां उफान पर हैं। तीन दिवसीय दौरे पर वाराणसी आए जलशक्ति मंत्री स्वतत्र देव सिंह ने कहा कि हम पूरी तरह से तैयार और सतर्क हैं। ज्यादा जन हानि नहीं होगी। चंबल और सिंध बैराज के गेट खोल दिए गए हैं। पानी जबरदस्त आ रहा है।इटावा, औरैया, कालपी, महोबा, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, प्रयागराज, काशी, गाजीपुर और बलिया तक के हालात की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि सभी जिम्मेदार लोग सड़क पर रहें। हम लोग पूरी तरह से तैयार हैं।सिगरा स्थित शहीद उद्यान पार्क में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने पौधरोपण किया।बाढ़ का जायजा लेकर बाटी राहत सामग्रीमंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने शुक्रवार को वाराणसी में वरुणा के पलट प्रवाह से प्रभावित हुए नक्खी घाट, सरैयां, पुराना पुल और उसके आसपास के क्षेत्रों का जायजा लिया। मंत्री ने प्राथमिक विद्यालय आदमपुर में बाढ़ प्रभावित लोगों को दूध और फल वितरित किया। मंत्री ने लोगों को आश्वस्त किया कि उनकी देखरेख और मदद में कोई कमी नहीं होगी।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी के बाढ़ प्रभावित लोगों को लेकर खुद चिंतित हैं। प्रधानमंत्री ने गरीबी को देखा है और उनको इसका एहसास भी है। इसलिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी को कोई दिक्कत ना हो, इसकी उचित व्यवस्था कराई जा रही है। बाढ़ राहत शिविरों में किसी किस्म की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के एक-एक व्यक्ति तक राहत सामग्री पहुंचाई जाएगी।उधर, इससे पहले आज सुबह मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने सिगरा स्थित शहीद उद्यान पार्क में स्वच्छता कार्यों का निरीक्षण किया। शहीद उद्यान पार्क में उन्होंने पौधरोपण कर स्थानीय लोगों से उनका हालचाल पूछा।शहीद उद्यान पार्क में मौजूद लोगों से मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने उनका हालचाल पूछा। इसके साथ ही सभी से अपील की कि साफ-सफाई के प्रति गंभीरता से ध्यान दें।हम बीते 10 दिन से एलर्ट मोड में हैंमंत्री स्वतंत्र देव सिंह के निरीक्षण के दौरान मौजूद रहे जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन बीते 10 दिन से एलर्ट मोड में है। पहले भी गंगा का जलस्तर बढ़ा था और फिर कम हो गया था। उस दौरान 4 बाढ़ राहत शिविर संचालित करने पड़े थे। फिलहाल हमारे 11 बाढ़ राहत शिविर संचालित हो रहे हैं। जो लोग शिविरों में आ रहे हैं उन्हें वहां किसी किस्म की कमी नहीं होने दी जा रही है। जिन लोगों के दो-तीन मंजिला मकान हैं और वह अपने घर में ही रहना चाहते हैं, उन्हें वहीं राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।

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