जब भी आप कोई घर या फ्लैट खरीदने की प्लानिंग कर रहे होते हैं तो उससे पहले आपको अपने डॉक्यूमेंट्स को लेकर विशेष तैयारी करनी चाहिए। अगर आप किसी प्रॉपर्टी को फाइनल कर लेते हैं तो जाहिर है अब उसकी रजिस्ट्री भी होगी। दरअसल, महंगी आवासीय इकाइयों और प्लॉट्स की खरीद आदि से जुड़े कई लेन-देन में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होता है। हाउसिंग डॉट कॉम के मुताबिक, रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 की धारा 17 के मुताबिक, किसी भी अचल संपत्ति की बिक्री का रजिस्ट्रेशन जरूरी है, अगर उसकी कीमत 100 रुपये से ज्यादा है। खबर के मुताबिक, जाहिर सी बात है कि 100 में कोई भी अचल संपत्ति नहीं खरीदी जा सकती है तो रजिस्ट्री जरूरी है।
कौन से डॉक्यूमेंट्स हैं जरूरी
मकान की रजिस्ट्री में पैन और आधार के अलावा अन्य डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ सकती है। यह सिचुएशन पर निर्भर करता है। इनमें अचल संपत्ति के उपहार से संबंधित दस्तावेज, बिना वसीयत वाले दस्तावेज या ऐसा आर्थिक लेन-देन, जो 100 रुपए से अधिक मूल्य की अचल संपत्ति की बिक्री से संबंधित हो, अचल संपत्ति का एक साल या उससे अधिक अवधि के लिए पट्टा, 1882 के संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम की धारा 53-ए में वर्णित मकसदों के लिए अचल संपत्ति के ट्रांसफर के कॉन्ट्रैक्ट पेपर जरूरी हैं।
इसके अलावा, आपको वैकल्पिक डॉक्यूमेंट्स के तौर पर वसीयत, पहले के ट्रांजैक्शन के डॉक्यूमेंट, 100 रुपये से कम मूल्य की अचल संपत्ति की स्थिति में कोर्ट के आदेश के पेपर, बिक्री प्रमाण पत्र (नीलाम की गई संपत्ति के मामले में), मॉर्गेज एग्रीमेंट, राजस्व अधिकारी द्वारा विभाजन का दस्तावेज आदि की जरूरत विशेष परिस्थिति में पड़ सकती है।
रजिस्ट्रार के ऑफिस में देने होते हैं डॉक्यूमेंट्स
मकान से जुड़े डॉक्यूमेंट्स जिसे रजिस्टर कराना है, उसे उप-पंजीयक या रजिस्ट्रार के ऑफिस में जमा करना पड़ता है। रजिस्ट्रेशन के लिए विक्रेता और खरीदार के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के साथ में दो गवाहों की भी मौजूदगी अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन के समय हस्ताक्षरकर्ताओं को अपनी आईडी प्रूफ साथ में लाने होते हैं। आधार कार्ड, पैन कार्ड, या किसी अन्य सरकारी पहचान पत्र को मान्य माना जाता है।
