बहुत से लोगों को लगता है कि लीची सिर्फ बिहार में ही होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। पंजाब की लीची का स्वाद विदेशों तक पहुंच रहा है। पंजाब के पठानकोट की लीची बहुत फेमस है। यहां बड़े स्तर पर लीची की खेती हो रही है। पंजाब की भगवंत सिंह मान सरकार के प्रयासों से पंजाब की लीची इंग्लैंड पहुंच रही है, जिससे किसानों की इनकम काफी बढ़ गई है। पंजाब में करीब 3,900 हेक्टेयर रकबे में लीची की खेती होती है। इसका 2,200 हेक्टेयर सिर्फ पठानकोट जिले में आता है। अब आप समझ जाइए कि पठानकोट के किसान कितनी बड़ी मात्रा में लीची उगा रहे हैं। वहीं, सुजानपुर में एक लीची एस्टेट भी स्थापित किया गया है।
भूजल पर निर्भरता हो रही कम
पंजाब की भगवंत मान सरकार लीची का उत्पादन बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। मान सरकार की कोशिश है कि किसानों की इनकम को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जाए। राज्य सरकार पठानकोट जिले की बेस्ट क्वालिटी वाली लीची को विदेशों में निर्यात करने का काम कर रही है। मान सरकार के इस कदम से एक तरफ किसानों की आय बढ़ रही है, तो दूसरी तरफ किसानों की भूजल पर निर्भरता भी कम हो रही है। यहां के किसान धान और गेहूं की खेती के बजाए बागवानी की तरफ रुख कर रहे हैं और लीची उगा रहे हैं।
मान सरकार दे रही सब्सिडी
मान सरकार राज्य में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। सरकार लीची की पैकिंग के लिए कार्डबोर्ड बॉक्स पर 50 फीसदी सब्सिडी दे रही है। तीन साल से ज्यादा पुराने पॉली हाउस की शीट को बदलने पर भी सब्सिडी है। इसके अलावा ड्रिप सिस्टम से नए बगीचे लगाने पर 10 हजार रुपये प्रति एकड़ दिए जा रहे हैं। वहीं, फूलों के बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 14 हजार रुपये प्रति एकड़ दिए जा रहे हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार मशरूम की खेती पर 50 फीसदी सब्सिडी दे रही है।
ग्लोबल लीची मार्केट में है पंजाब का नाम
पंजाब में पठानकोट, गुरदासपुर और होशियारपुर की लीची अपने गहरे लाल रंग और मिठास के कारण मशहूर है। इसलिए यह काफी एक्सपोर्ट होती है। पंजाब को ग्लोबल लीची मार्केट में एक बड़े काश्तकार के तौर पर स्थान प्राप्त है। कुछ महीनों पहले इंग्लैंड की डिप्टी हाई कमिश्नर कैरोलिन रोवेट ने पंजाब के बागवानी मंत्री के साथ मुलाकात की थी। इस दौरान भविष्य में लीची के एक्सपोर्ट से जुड़ी रणनीति और खेती के लिए सहायक तकनीकों पर चर्चा हुई थी।
Disclaimer: यह एक पेड फीचर आर्टिकल है। इंडिया टीवी इसमें बताए गए विचारों का समर्थन नहीं करता है और आर्टिकल में कही गई राय, विचारों, घोषणाओं के लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार या उत्तरदायी नहीं होगा। पाठकों को स्व-विवेक के प्रयोग की सलाह दी जाती है।
