भोपाल: पिछले साल के मुकाबले दो माह विलंब से सरकारी एजेंसियां मूंग लेना प्रारंभ करेंगीबारिश में खरीद केंद्र तक मूंग लाना होगा मुश्किलपिछले साल 15 जून से शुरू हुई थी खरीदीमप्र सरकार ने अब तक ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीद प्रारंभ नहीं की। सरकारी खरीद के लिए केवल पंजीयन हो रहा है, जाे 28 जुलाई तक चलेगा। किसानों के दावों की पड़ताल के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की तिथि घोषित की जाएगी। माना जा रहा है कि यह 10 अगस्त के आसपास होगी। यानी पिछले साल के मुकाबले दो माह विलंब से सरकारी एजेंसियां मूंग लेना प्रारंभ करेंगी। अधिकांश किसानों की फसल जून के प्रथम सप्ताह तक ही कट गईं थी।लेकिन चुनाव के चलते मूंग खरीदी की ओर सरकार का ध्यान नहीं गया। मजबूरी में ज्यादातर किसानों ने व्यापारियों को 4500 रुपए क्विंटल में ही फसल बेच दी, जबकि सरकारी दाम 60% ज्यादा हैं। सरकार ने इस बार मूंग को 7225 रुपए प्रति क्विंटल का भाव दिया है। जिन किसानाें ने मूंग बचाकर रखा है। वे अब चिंतित हैं। बारिश लगातार जारी है। ऐसे में घर से मूंग निकालकर खरीद केंद्र ले जाना मुश्किल है। फसल में भी नमी आ सकती है। यह नमी 5% तक होने पर सरकारी केंद्र खरीदने से मना कर देंगे। किसान संगठन आरोप लगा रहे हैं कि सरकार की मंशा इस बार मूंग खरीदने की थी ही नहीं। अगर गंभीर होती तो आचार संहिता के बाद भी रास्ता निकाल लेते।60% तक मुनाफा उठाकर मूंग बेचेंगे व्यापारीकिसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्काजी ने कहा कि मप्र में 90% किसानों ने तो व्यापारियों को ही फसल बेच दी। नर्मदापुरम के अधिकांश ग्रीष्मकालीन मूंग उत्पादक गांव में मूंग बची ही नहीं। अब सरकारी खरीद का लाभ केवल व्यापारी उठाएंगे। वे किसानों के नाम से सरकार को 60% मुनाफे में मूंग बेच देंगे।जून में फसल आने के बाद ही इंतजाम होते हैंजून में फसल आने के बाद ही सरकार खरीद के लिए आवश्यक इंतजाम करती है। सरकार के सारे काम अपनी डेडलाइन पर चल रहे हैं। इसमें कोई विलंब नहीं हुआ है। पंजीयन होने के बाद जल्द ही सरकारी खरीद की तिथि घोषित कर दी जाएंगी।

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