जगदलपुर: अरविंद नेताम ने जगदलपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस ली।पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस पार्टी के नेता अरविंद नेताम ने संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में प्रेस वार्ता ली। उन्होंने कहा कि, पेसा कानून के लिए नियम बनने से पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने कई समाज के लोगों को विश्वास में लिया था। अब नियम बनने के बाद ऐसा लग रहा है कि यह मूल कानून को कमजोर करने के लिए बना है। उन्होंने कहा कि, नियम को कैसे लागू किया जाए यह नियम बनना था। लेकिन, ये मूल कानून को कैसे कमजोर करें, इस बात के लिए बना हुआ लग रहा है। अब राज्य सरकार को इसमें विचार करने को कहेंगे।अरविंद नेताम ने कहा कि, 1996 में संविधान की पांचवी अनुसूची के क्षेत्रों में स्वशासन की स्थापना के लिए पेसा कानून पारित किया गया था। देश में ऐसे कुल 10 राज्य हैं जो पूर्ण या आंशिक रूप से संविधान के इस दायरे में आते हैं। इन राज्यों में से पांच ने पहले ही पेसा कानून को लागू करने नियमावली बना ली थी। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने पेसा कानून को लागू कराने के लिए नियमों को जरूर बना लिया है लेकिन, इस कानून की मूल भावना के साथ बनाए गए नियम इंसाफ नहीं कर रहे।अरविंद नेताम ने कहा कि, ग्राम सभा की संवैधानिक शक्तियों को जिला प्रशासन के सामने बौना बना दिया गया है। भूमि अधिग्रहण से पहले ग्राम सभाओं की सहमति के प्रावधान को परामर्श तक सीमित किया गया है जो ठीक नहीं है। इससे हमें एतराज है और इस मामले को हम गंभीरता से ले रहे हैं। समाज के लोगों से भी चर्चा की जा रही है। पेसा कानून की नियमावली पर सरकार को पुनः विचार करने को कहेंगे।

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