मेहंदीपुर बालाजी मंदिर (Mehandipur Balaji Temple) राजस्थान के दौसा ज़िले में स्थित है, जहाँ भगवान हनुमान जी की पूजा की जाती है। भगवान हनुमान को लोग बालाजी के नाम से पुकारते हैं। इस मंदिर में लोग काले जादू, भूत प्रेत और ऊपरी चक्कर से छुटकारा पाने के लिए आते हैं। यहाँ तीन प्रमुख देवताओं की पूजा होती है, सबसे पहले भगवान हनुमान, फिर प्रेत राज और फिर भैरव बाबा।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर को लेकर कई मान्यताएं और विश्वास है, जो भक्तों के बीच गहरी आस्था और श्रद्धा का कारण बनते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहाँ आने वाले भक्तों का विश्वास है कि बालाजी उनकी सभी परेशानियों का निवारण करते हैं।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में हर रात 2 बजे क्या होता है?
आपको बता दें, हर रात 2 बजे मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में कुछ ख़ास होता है। मान्यता है कि यहाँ जो प्रतिमा है, वह अपने आप ही प्रकट हुई थी। इस मंदिर में हर रात दो बजे भूत प्रेत की बाधाओं को दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है। इसके लिए कीर्तन किया जाता है, जिसमें हज़ारों की संख्या में भक्त हिस्सा लेते हैं।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के खास नियम
- अगर आप मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जाने का प्लान बना रहे हैं तो कुछ नियमों का पालन करना ज़रूरी है। ये नियम मंदिर में आने वाले हर भक्त को ध्यान में रखना चाहिए, जिससे की सभी मंदिर के माहौल में श्रद्धा और शांति से पूजा कर सकें। आइए जानते हैं मेहंदीपुर बालाजी के वो अनिवार्य नियम जिनका पालन हर भक्त को करना चाहिए।
- नियम के अनुसार अगर आप मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जा रहे हैं, तो वापस लौटने की एक सप्ताह तक आप अंडा, मांस, शराब आदि का सेवन नहीं कर सकते। इतना ही नहीं कम से कम एक हफ़्ते तक आप लहसुन प्याज़ का सेवन भी नहीं कर सकते।
- दूसरे नियम के अनुसार, मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के दर्शन करने के बाद जवाब मंदिर से बाहर निकलें तो पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए, इसके अलावा मंदिर में मुख्य पुजारी के अलावा किसी और के हाथों का प्रसाद नहीं लेना चाहिए।
- आपको बता दें यह मंदिर भूत प्रेत जैसी मान्यताओं से मुक्ति दिलाने के लिए मशहूर है। इसलिए मंदिर से मिला हुआ प्रसाद वहीं मंदिर में ही खा लेना चाहिए। अगर हम इस मंदिर से मिले प्रसाद को घर लेकर आते हैं तो हम हमारे साथ नेगेटिव एनर्जी को भी लेकर आते हैं, जिससे घर में तमाम प्रकार की परेशानियां पैदा हो सकती है।
- इस मंदिर में अलग तरह का माहौल रहता है। हर कोई वहाँ भूत प्रेत भगाने के लिए आता है, इसलिए मंदिर के माहौल का सम्मान करें, ज़्यादा शोर शराबा न करें, मंदिर में चल रहे अनुष्ठानों को लेकर थोड़ा सतर्क रहने की ज़रूरत है।
