
शिमरन हेटमायर
आईपीएल में इस साल राजस्थान रॉयल्स पहली और अकेली टीम है, जिसने अब तक अपने सारे मैच खेल लिए हैं, यानी टीम का सीजन अब समाप्त हो गया है। वैसे तो अभी जल्दी होगी, लेकिन टीम को अब अगले सीजन की तैयारी करनी होगी। इस साल टीम के कई खिलाड़ी ऐसे रहे, जिन्होंने किया तो कुछ भी नहीं, बस टीम के लिए बोझ बनकर रह गए। बहुत संभव है कि उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए।
संजू सैमसन ने शुरुआत में नहीं की टीम की कप्तानी
पहले बात करते हैं राजस्थान रॉयल्स के इस साल के प्रदर्शन पर। टीम को हालांकि पहला झटका तो उसी वक्त लग गया था, जब कप्तान संजू सैमसन ने शुरुआती मैचों में कप्तानी नहीं की। वे बतौर इम्पैक्ट प्लेयर खेल रहे थे और रियान पराग को कमान संभालनी पड़ी। वैसे तो रियान पराग कई साल से इस टीम के साथ खेल रहे हैं, लेकिन अभी वे इतने परिपक्व नहीं हुए हैं कि आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट में कप्तानी कर सकें। हालांकि इसके बाद जब संजू बतौर कप्तान वापस भी आए तो टीम को कोई खास फायदा मिला नहीं और हार का सिलसिला जारी रहा।
राजस्थान की टीम जीत पाई इस साल केवल चार ही मुकाबले
टीम ने साल अपने 14 मैचों में से केवल चार ही जीते और 10 में उसे शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। टीम के पास केवल आठ ही अंक थे। राजस्थान की टीम कमजोर थी, लेकिन इतनी भी नहीं कि केवल चार ही मैच जीत पाए। टीम ने पहली गलती तो तभी कर दी थी, जब जॉस बटलर और ट्रेंट बोल्ट को जाने दिया। इससे टीम की गेंदबाजी और बल्लेबाजी पर गहरा असर पड़ा।
शिमरन हेटमायर ने किया बहुत घटिया प्रदर्शन
इस बीच अगर घटिया प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों की बात की जाए तो उसमें शिमरन हेटमायर का नाम सबसे पहले आता है। टीम ने उन्हें रिटेन किया था और काफी मोटी कीमत भी दी थी, लेकिन वे एक भी मैच में ऐसी पारी नहीं खेल पाए, जो याद की जाए। शिमरन हेटमायर ने अपनी टीम के लिए 13 पारियों में बल्लेबाजी करते हुए केवल 239 रन ही बनाए। उनका औसत करीब 21 का रहा, जो काफी शर्मनाक कहा जा सकता है।
ध्रुव जुरेल भी टीम के नहीं कर पाए कुछ भी खास
टीम ने ध्रुव जुरेल को भी काफी मोटी कीमत पर अपने पाले में रखने का फैसला किया था, यानी उन्हें भी रिटेन किया गया था। उन्होंने इस साल केवल 333 रन ही बनाए। उनका औसत करीब 37 का है। टीम के पास संजू सैमसन के रूप में शानदार विकेटकीपर पहले से था, इसके बाद भी ध्रुव जुरेल पर काफी पैसा खर्च किया गया। यानी उन्हें केवल बल्लेबाजी करनी थी, वहां भी जुरेल फेल ही साबित हुए। अब देखना है कि टीम आने वाले सीजन से पहले किन खिलाड़ियों को बाहर का रास्ता दिखाती है।
