राजस्थान से धारूहेड़ा छोड़ा जा रहा रसायनयुक्त पानी:मामले पर Cm सख्त, बोले- सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे – Cm Manohar Strict On The Matter Of Chemical Water Being Released From Rajasthan To Dharuhera

धारूहेड़ा में राजस्थान से आ रहे दूषित पानी का जायजा लेते मुख्यमंत्री मनोहर लाल व अन्य अधिकारी।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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हरियाणा के रेवाड़ी में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राजस्थान के भिवाड़ी से धारूहेड़ा में आने वाले औद्योगिक इकाइयों के रसायनयुक्त गंदे पानी की समस्या का हर हाल में समाधान किया जाएगा। उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री से स्वयं बात की है और उन्होंने हमें उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है, लेकिन हमने उनसे लिखित में मांगा है ताकि किसी भी स्तर पर ढिलाई न हो।
उन्होंने कहा कि स्थायी समाधान के लिए रविवार को संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। इसमें राजस्थान के अधिकारी भी बुलाए जाएंगे। समाधान के लिए यदि राजस्थान सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक भी लड़ाई लड़नी पड़ेगी तो हम तैयार हैं। रविवार को धारूहेड़ा में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में शामिल हाेने से पहले मुख्यमंत्री ने भिवाड़ी और धारूहेड़ा शहर में मौके पर जाकर गंदे पानी का जायजा भी लिया।
उन्होंने कहा कि भिवाड़ी की तरफ से गंदा पानी धारूहेड़ा की ओर छोड़ने पर करीब दो साल पहले एनजीटी ने राजस्थान सरकार पर 45 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था, लेकिन उस पर राजस्थान ने कोर्ट से स्टे लिया हुआ है। अब इस स्टे को हटवाने के लिए हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी और भिवाड़ी की तरफ से आने वाले गंदे पानी को हर हाल में रुकवाने का काम करेगी। धारूहेड़ा के लोगों के जीवन से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। राजस्थान सरकार को इस मामले में उचित कार्रवाई के लिए सात दिन का नोटिस दिया जाएगा।
आयुष्मान भारत योजना का पात्र व्यक्तियों को मिल रहा लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब परिवारों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आयुष्मान भारत योजना चलाई गई है। यदि यह योजना शुरू नहीं होती तो पैसे के अभाव में न जाने कितने लोगों को परेशानी उठानी पड़ती। प्रदेश सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ाया और चिरायु हरियाणा योजना की शुरुआत की।
इसके तहत आय सीमा को 1 लाख 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख 80 हजार रुपये किया, जिससे इस योजना में 15 लाख परिवार और जुड़े हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत 811 चिरायु कार्ड बनाए गए हैं, जिनमें 26 पात्र लाभार्थियों के इलाज पर 6 लाख 86 हजार रुपये की राशि खर्च की गई है।

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