रियल एस्टेट निवेशकों को जोर का झटका, प्रॉपर्टी बेचने पर अब देना होगा ज्यादा टैक्स, बजट में हुआ ये बदलाव
रियल एस्टेट में निवेश करने वाले निवेशकों को बजट से जोर का झटका लगा है। दरअसल, प्रॉपर्टी की बिक्री पर इंडेक्सेशन लाभ हटा दिया गया। इस फैसले से प्रॉपर्टी की बिक्री से होने वाली कमाई पर अब ज्यादा टैक्स चुकाना होगा। आइए, बजट में हुए ऐलान से किस तरह प्रॉपर्टी से होने वाली कमाई पर लगेगी चपत, समझने की कोशिश करते हैं।
वित्त मंत्री ने बजट में क्या किया ऐलान
बजट में वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि प्रॉपर्टी की बिक्री पर मिलने वाले इंडेक्सेशन के लाभ को खत्म किया जाएगा। इसके कारण अब अपनी संपत्ति बेचने वाले कई लोग अपनी खरीद कीमत नहीं बढ़ा पाएंगे और अपने पूंजीगत लाभ को कम नहीं कर पाएंगे। घोषणा से पहले संपत्ति की बिक्री से होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 20% टैक्स लगाया जाता था। अब बजट दस्तावेजों के अनुसार, नई LTCG कर दर घटाकर 12.5% कर दी गई है, लेकिन संपत्ति की बिक्री पर पूंजीगत लाभ के लिए इंडेक्सेशन लाभ के बिना लागू होगी।
उदाहरण से इंडेक्सेशन खत्म होने के असर को झमते हैं:
उदाहरण के लिए मोहन सिंह ने 2004 में 25 लाख रुपये में एक फ्लैट खरीदा। 2024 में उस प्रॉपर्टी की कीमत अब बढ़कर 1 करोड़ रुपये हो गई है। वह इस प्रॉपर्टी को 1 करोड़ में बेचता है। मौजूदा नियमों के अनुसार, 25 लाख रुपये की खरीद मूल्य को आयकर विभाग द्वारा अधिसूचित लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (सीआईआई) संख्याओं के साथ बढ़ाना होगा। इस तरह 75 लाख रुपये कैपिटल गेन हुआ। इस कैपिटल गेन पर LTCG (Long Term Capital Gain) टैक्स लगता है। अभी तक इंडेक्सेशन के चलते खरीद कीमत बढ़ जाती है। यानी 25 लाख रुपये पर सालाना 5% की महंगाई से गणना करें तो काफी बढ़ जाएगी। इसके साथ ही प्रॉपर्टी की मरम्मत पर होने वाले खर्चों को इंडेक्सेशन के तहत छूट मिल जाती है। ऐसे में अगर 75 लाख रुपये का लाभ हुआ तो खरीद कीमत बढ़ने और मरम्मत का खर्च शामिल करने से कम कैपिटल गेन कम हो जाता है। इससे टैक्स के रूप में कम रकम चुकाना होता है।
प्रॉपर्टी बेचने से होने वाले कैपिटल गेन पर 20% टैक्स की जगह 12.5% जरूर कर दिया गया है लेकिन इंडेक्सेशन हटा दिया गया है। टैक्स के जानकारों का कहना है कि इस प्रॉपर्टी बेचने वाले पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा। यह प्रॉपर्टी में निवेश करने वालों के लिए झटका है।

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