Yoga for Hypotension: मोटापे से लेकर ब्लड प्रेशर तक की समस्या को ठीक करने के लिए लोग योग का सहारा लेते हैं। डॉक्टर भी सेहतमंद बने रहने के लिए व्यक्ति को रोजाना योग करने की सलाह देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं सभी तरह के योग आपकी हर बीमारी को ठीक नहीं कर सकते हैं। ऐसे में व्यक्ति को इस बात की जानकारी होना बेहद जरूरी है कि कौन सा योग किस समस्या को ठीक करने के लिए कैसे किया जाना चाहिए। इस बात की जानकारी ना होने पर व्यक्ति को फायदे की जगह नुकसान उठाना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए हाई बीपी रोगियों के लिए जो आसन अच्छे होंगे वो जरूरी नहीं कि लो बीपी रोगियों की सेहत को भी अच्छा बनाए रखेंगे। आमतौर पर नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 होता है लेकिन यही बीपी अगर 90/60 से नीचे चला जाता है, तो इसे लो बीपी या हाइपोटेंशन कहा जाता है। लो बीपी होने पर व्यक्ति को चक्कर आना, धुंधला दिखना, जी मिचलाना या बेहोशी जैसा महसूस होता है। आइए जानते हैं आखिर कौन से वो 2 योगासन हैं, जिन्हें लो बीपी रोगियों को करने से बचना चाहिए।
ताड़ासन-
ताड़ासन बेहद आसान आसन है, जो बच्चों की हाइट बढ़ाने से लेकर दिल की सेहत तक का खास ख्याल रखता है। बावजूद इसके इस आसन को लो बीपी रोगियों को करने से बचना चाहिए। इस आसन को करने से खून का दौरा लोअर बॉडी की तरफ जाता है, जिस लो बीपी वाले लोगों को समस्या हो सकती है।
वीरभद्रासन-
वीरभद्रासन करने से कंधों से लेकर हाथ-पैरों तक को मजबूती मिलने के साथ शरीर का संतुलन भी अच्छा बना रहता है। इस आसन का अभ्यास करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ जाती है। जिससे शरीर में एनर्जी लेवल बढ़ जाता है। सेहत के लिए इतना फायदेमंद होने के बावजूद लो ब्लड प्रेशर रोगियों को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए। वीरभद्रासन करने से खून का दौरा शरीर के निचले भाग की तरफ बढ़ जाता है।
लो बीपी रोगियों के लिए फायदेमंद हैं ये आसन-
सुखासन-
सुखासन को आसान बैठने की मुद्रा के रूप में जाना जाता है। इस आसन की खासियत यह है कि इसे सभी आयु वर्ग के लोग कर सकते हैं। सुखासन नाम ‘सुखम’ शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है आसान, आरामदायक, हर्षित या आनंददायक आदि। सुखासन करने से बीपी कंट्रोल रहने के साथ दिमाग शांत रहता है,चिंता, तनाव और मानसिक थकान को दूर करता है और शरीर मुद्रा में सुधार करने में मदद करता है।
वज्रासन-
वज्र का अर्थ कठोर होता है। जिसकी वजह से इसे वज्रासन के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन को करने से शरीर मजबूत और स्थिर बनता है। यही एक आसन है, जिसे भोजन करने के बाद भी किया जा सकता है। यह आसन बीपी कंट्रोल रखने के साथ नींद की परेशानी, मोटापा कंट्रोल और दिमाग को शांत बनाएं रखने में मदद करता है।

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