Tips For Working Parents To Stay Involved In Child Education: घर के सारे काम निपटाने के बाद जब कोई पिता या मां बच्चे की पढ़ाई करवाने के लिए बैठता है तो उसके पास ना तो स्टेमिना बचता है और ना समय। वर्किंग मदर्स के साथ यह समस्या ज्यादा देखने के लिए मिलती है।
Tips for working moms to stay involved in child education
Tips For Working Parents To Stay Involved In Child Education: सभी पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा क्लास में बाकी बच्चों से पढ़ाई में हमेशा आगे रहे। जिसके लिए वो बीच-बीच में उसे मोटिवेट भी करते रहते हैं। लेकिन मौजूदा समय में माता-पिता दोनों के ही वर्किंग होने की वजह से वो अपना पूरा ध्यान बच्चों की पढ़ाई पर नहीं लगा पाते हैं। ज्यादातर लोगों की ऑफिस में घंटो काम करने के बाद मीलों का सफर तय करके घर लौटने पर ही आधी से ज्यादा एनर्जी खत्म हो जाती है। जिसके बाद बची हुई एनर्जी और समय रसोई और अगले दिन की प्लानिंग करने में खर्च हो जाता है। घर के सारे काम निपटाने के बाद जब कोई पिता या मां बच्चे की पढ़ाई करवाने के लिए बैठता है तो उसके पास ना तो स्टेमिना बचता है और ना समय। वर्किंग मदर्स के साथ यह समस्या ज्यादा देखने के लिए मिलती है। नतीजतन, बच्चा पढ़ाई में कमजोर होने लगता है। अगर आपका हाल कुछ ऐसा ही है तो टेंशन छोड़ ये पेरेंटिंग टिप्स फॉलो करें। इन टिप्स को फॉलो करके आप ना सिर्फ अपने बच्चे को अपना क्वालिटी समय दे पाएंगे बल्कि आपका बच्चा भी मन लगाकर पढ़ाई करेगा।
दादा-दादी या नाना-नानी की लें मदद-
वर्किंग पेरेंट्स सबसे पहले इस बात को सुनिश्चित करें कि आपकी अनुपस्थिति में आपका बच्चा घर पर अकेला ना रहे। ऐसा करना कई बार उनके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। यदि संभव हो तो अपने बच्चों को उनके दादा-दादी, नाना-नानी या फिर किसी भरोसेमंद बुजुर्ग के पास छोड़ें। आपके ऐसा करने से घर के बुजुर्ग बच्चों पर नजर रखने के साथ उन्हें जीवन के अपने अनुभव के आधार पर अच्छी बातें भी सिखाएंगे। साथ ही बच्चा अकेलापन भी महसूस नहीं करेगा।
बच्चों का रूटीन करें तैयार-
अपने दूसरे पेरेंटिग स्टेप में आप बच्चे के लिए उसके दिनभर का एक रूटिन सेट करें। बच्चे के इस रूटीन में आप उसके खाने, पढ़ने, खेलने और सोने आदि का समय तय कर दें। इसके अलावा उसे यह भी बताएं कि उसे अपने सामान को भी व्यवस्थित तरीके से रखना है, ताकि उसे बाद में वो चीज खोजने में परेशानी न हो। आपका बच्चा अपना ये रूटिन फॉलो कर रहा है या नहीं। यह पता लगाने के लिए उसे ऑफिस से समय-समय पर फोन करते रहें।
सुरक्षा के लिए घर में लगवाएं कैमरा-
अगर आपका बच्चा घर पर दादा-दादी के साथ या अकेला रहता है, तो दोनों ही सूरतों में उनकी सुरक्षा के लिए घर में कैमरा जरूर लगवाएं। इस कैमरे का एक्सेस माता-पिता दोनों अपने मोबाइल पर रखें। घर पर कैमरा लगा होने पर आप यह भी देख पाएंगे कि बच्चा अपना रूटिन ईमानदारी से फॉलो कर रहा है या नहीं। घर पर कैमरा होने से बच्चे की हर हरकत पर नजर रखने के साथ जरूरत पड़ने पर उसकी मदद भी कर पाएंगे।
बच्चे के लिए रखें अच्छी ट्यूशन-
अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा किसी विषय में कमजोर है लेकिन आप उसे समय नहीं दे पा रहे हैं तो उसकी परेशानी दूर करने के लिए उसके लिए कोई अच्छा ट्यूशन लगवा दें। इसके लिए आप आस-पड़ोस में ही कोई अच्छा टीचर ढूंढकर बच्चे को उसके पास पढ़ने के लिए भेजें। आप चाहे तो दादा जी या नानाजी को भी बच्चे को घर लाने और ट्यूशन छोड़ने के लिए साथ भेज सकते हैं।
बच्चे से करें बात-
आजकल दोनों पेरेंट्स के वर्किंग होने की वजह से वो अपना समय बच्चों को नहीं दे पाते हैं। जिसकी वजह से बच्चा कई बार उनसे दूर होने लगता है। अगर आप भी व्यस्त पेरेंट्स हैं तो अपने बच्चे को अपनी स्थिति के बारे में जरूर समझाएं। उन्हें समझाएं कि काम और मेहनत जीवन में सफल होने के लिए कितने जरूरी है। लेकिन कोशिश करें कि छुट्टी वाले दिन बच्चे को फैमिली टाइम दें। इस दौरान आप उसके साथ कहीं बाहर घूमने जा सकते हैं या उसके फेवरेट रेस्त्रां में बैठकर खाना खा सकते हैं या फिर समय मिलने पर बच्चे के मन की बात जानने की भी कोशिश कर सकते हैं।

Comments are closed.