वाराणसी। वाराणसी के पांडेयपुर स्थित मानसिक चिकित्सालय में एक बंदी सहित पांच मरीजों की मौत का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है। आयोग ने उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेट्री और वाराणसी के जिलाधिकारी प्रकरण के संबंध में रिपोर्ट तलब की है। इसके साथ ही आयोग ने अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के चीफ सेक्रेट्री को कहा है कि वह अपने यहां के मेंटल हॉस्पिटल की स्थिति की समीक्षा करें। उसके बाद आयोग के समक्ष चार हफ्ते में रिपोर्ट प्रस्तुत करें।9 से 15 जून तक 5 मरीजों की मौत हुई थीपांडेयपुर स्थित मानसिक चिकित्सालय में भर्ती 9 जून को बंदी राहुल उपाध्याय की मौत हुई थी। 10 जून को बस्ती से आए मरीज दिलीप मिश्रा की मौत हो गई थी। 14 जून को सारनाथ क्षेत्र की श्रेया की मौत हो गई थी। इसके कुछ ही घंटे बाद आजमगढ़ से आकर भर्ती हुए एक मरीज की मौत हो गई थी। 15 जून को फिर एक महिला मरीज की मौत हो गई थी। इसे लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ता और अधिवक्ता राधाकांत त्रिपाठी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी।राधाकांत त्रिपाठी ने आयोग को बताया कि मेंटल हॉस्पिटल में हुई मौतों के संबंध में वाराणसी के जिलाधिकारी ने जांच कराई तो कई तरह की अनियमितताएं उजागर हुई थी। इसलिए उन्होंने आयोग से हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है।शिकायत बेहद गंभीर प्रकृति की हैराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि अधिवक्ता राधाकांत त्रिपाठी द्वारा की गई शिकायत की प्रकृति बेहद ही गंभीर किस्म की है। जान गंवाने वाले मरीजों के साथ ही मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के भी मानवाधिकार का यह सरासर उल्लंघन है। इसलिए उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेट्री और वाराणसी को जिलाधिकारी को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।

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