विपरित राजयोग चमकाएगा 3 राशियों का भाग्य, आकस्मिक धनलाभ के प्रबल योग, सफलता के खुलेंगे नए द्वार, परिवार में आएगी खुशहाली
Vipreet Rajyog 2025: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हर ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद राशि परिवर्तित करता है और इस दौरान एक राशि में दो या दो से अधिक ग्रहों के आने से शुभ योग या राजयोग का निर्माण करता है जिसका प्रभाव मानव जीवन, 12 राशियों और पृथ्वी पर पड़ता है।इसी क्रम में दैत्यों के गुरू शुक्र ने विपरित राजयोग बनाया है।
वर्तमान में धन, संपत्ति, ऐश्वर्या, यश, सौंदर्य के कारक शुक्र अपनी स्वराशि वृषभ में विराजमान है और 26 जुलाई तक इसी राशि में रहेंगे। शुक्र के वृषभ राशि में आने से मालव्य और केन्द्र त्रिकोण राजयोग के अलावा तुला राशि में विपरीत राजयोग का बनाया है। तुला राशि की कुंडली में शुक्र लग्न के स्वामी होकर के आठवें भाव में विपरीत राजयोग बना रहे हैं।आईए जानते है यह किन राशियों के लिए होंगे लकी………….
विपरित राजयोग से चमकेगी 3 राशियों की किस्मत
तुला राशि: विपरीत राजयोग जातकों के लिए फलदायी साबित हो सकता है। आय में वृद्धि होगी और नए नए स्त्रोत बनेंगे। इस अवधि में पैतृक संपत्ति क लाभ मिल सकता है।अचानक धन लाभ की प्राप्ति हो सकती है। कष्ट दूर होंगे। जीवन में सुकून आएगा।अटके व रूके कामों को गति मिलेगी।भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी, मानसिक शांति मिलेगी। स्वास्थ्य में सुधार होगा। मालव्य राजयोग से हर काम में सफलता,आय में वृद्धि, व्यापार में तरक्की, शादीशुदा का दांपत्य जीवन खुशहाल और अविवाहित के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है।
कर्क राशि : विपरित राजयोग जातकों के लिए अनुकूल सिद्ध हो सकता है।आकस्मिक धन की प्राप्ति हो सकती है। जातकों की कई इच्छाएं पूरी हो सकती है। भूमि, भवन, प्रॉपर्टी, मकान आदि खरीदने का सपना पूरा हो सकता है।भौैतिक-सुविधाओं की तेजी से वृद्धि हो सकती है। माता के स्वास्थ्य में सुधार होगा। अविवाह विवाह के बंधन में बंध सकते हैं। संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है। परिवार में खुशहाली आ सकती है।
कुंभ राशि: विपरीत राजयोग किसी वरदान से कम नहीं साबित हो सकता है। आपकी कई इच्छाएं पूरी हो सकती है। भाग्य का पूरा साथ मिल सकता है। राजनीति वालों को लाभ मिल सकता है। प्रॉपर्टी या वाहन संबंधी विवाद सुलझ सकते हैं। घर में मांगलिक या धार्मिक आयोजन कर सकते है। नौकरीपेशा को प्रमोशन, पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति हो सकती है।आप हर काम में सफल हो सकते हैं। मालव्य राजयोग से आत्मविश्वास में वृद्धि , पैतृक संपत्ति से लाभ, परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। समय नए अवसर लेकर आएगा।
कुंडली में कब बनता है विपरित राजयोग
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विपरीत राजयोग ज्योतिष में एक विशेष प्रकार का योग है जो कुंडली के छठे, आठवें और बारहवें भाव के स्वामियों के बीच बनता है। यह योग आमतौर पर अशुभ माने जाने वाले भावों (6वें, 8वें और 12वें) के स्वामियों के एक साथ आने से बनता है।
- विपरीत राजयोग का निर्माण होने से व्यक्ति को धन लाभ के साथ वाहन, संपत्ति का सुख प्राप्त होता है।इस योग में त्रिक भावों और उनके स्वामियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। वैसे त्रिक भावों को ज्योतिष शास्त्र में शुभ नहीं माना जाता लेकिन कुछ विशेष परिस्थियों के कारण यह शुभ फल देने लगते हैं, वहीं मुख्यत: त्रिक भावों में से किसी भाव का स्वामी किसी अन्य त्रिक भाव में विराजमान हो तो इस योग का निर्माण होता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)

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