01 सितंबर, रविवार, शक संवत् 10, भाद्रपद (सौर) 1946, पंजाब पंचांग 17, भाद्रपद मास प्रविष्टे 2081, इस्लाम 26, सफर सन् 1446, विक्रमी संवत् भाद्रपद कृष्ण चतुर्दशी रात्रि 05.22 मिनट (सूर्योदय पूर्व) तक। शिव योग, विष्टि (भद्रा) करण सायं 04.32 मिनट तक। चंद्रमा कर्क राशि में रात्रि 09.49 मिनट तक उपरांत सिंह राशि में।
सूर्य दक्षिणायन। शरद् ऋतु। सायं 04.30 मिनट से सायं 06 बजे तक राहुकालम्। भद्रा सायं 04.32 मिनट तक। सितंबर मास प्रारंभ। मासशिवरात्रि व्रत। अघोरा चतुर्दशी। गंडमूल विचार।
मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त : पं. ऋभुकांत गोस्वामी के अनुसार, 01 सितंबर को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 01 सितंबर को सुबह 03 बजकर 40 मिनट पर होगा और 2 सितंबर को सुबह 05 बजकर 21 मिनट पर इसका समापन होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 01 सितंबर को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। मासिक शिवरात्रि के दिन अभिजीत मुहूर्त और गोधूलि मुहूर्त पूजा के लिए शुभ माने जाते हैं।
सूर्योदय- 05:59 ए एम
सूर्यास्त- 06:42 पी एम
चन्द्रोदय- 05:05 ए एम, सितम्बर 02
चन्द्रास्त- 06:00 पी एम
द्रिक पंचांग के अनुसार आज का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 04:29 ए एम से 05:14 ए एम तक
प्रातः सन्ध्या- 04:52 ए एम से 05:59 ए एम तक
अभिजित मुहूर्त- 11:55 ए एम से 12:46 पी एम तक
विजय मुहूर्त- 02:28 पी एम से 03:19 पी एम तक
गोधूलि मुहूर्त – 06:42 पी एम से 07:05 पी एम तक
सायाह्न सन्ध्या- 06:42 पी एम से 07:50 पी एम तक
अमृत काल- 08:04 पी एम से 09:49 पी एम तक
निशिता मुहूर्त- 11:58 पी एम से 12:44 ए एम, सितम्बर 02
द्रिक पंचांग के अनुसार आज का अशुभ मुहूर्त
राहुकाल – 05:07 पी एम से 06:42 पी एम तक
यमगण्ड- 12:21 पी एम से 01:56 पी एम तक
आडल योग- 09:49 पी एम से 06:00 ए एम, सितम्बर 02
विडाल योग -05:59 ए एम से 09:49 पी एम तक
दुर्मुहूर्त- 05:01 पी एम से 05:51 पी एम तक
गुलिक काल- 03:32 पी एम से 05:07 पी एम तक
गण्ड मूल – पूरे दिन
भद्रा- 05:59 ए एम से 04:28 पी एम तक
वर्ज्य – 09:36 ए एम से 11:21 ए एम तक

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