भारतीय शेयर बाजार में तेजी लौटी है, लेकिन यह तेजी कब तक रहेगी कोई नहीं जानता। शेयर बाजार का स्वभाव ही अस्थिर है। ऐसे में अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने से डरते हैं या कम जोखिम में बेहतर रिटर्न चाहते हैं तो हाइब्रिड फंड का चुनाव कर सकते हैं। हाइब्रिड फंड एक तरह का म्यूचुअल फंड होता है जो इक्विटी (शेयर) और डेब्ट (बॉन्ड्स, डिबेंचर आदि) दोनों में निवेश करता है। इसका उद्देश्य होता है रिस्क और रिटर्न के बीच संतुलन बनाए रखना होता है।
निवेशकों का भरोसा बढ़ा
आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी में हाइब्रिड फंड की श्रेणी ने 28,461 करोड़ रुपये का निवेश आया, जबकि निकासी में कमी आई। डेटा से पता चलता है कि निवेशक अत्यधिक अस्थिर बाजार के बीच हाइब्रिड फंड की ओर रुख कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि चूंकि ये फंड इक्विटी, डेट और कमोडिटीज का मिला जुला पोर्टफोलियो होता है, इसलिए जोखिम कम हो जाता है और निवेशक बाजार में गिरावट के बावजूद संभावित रूप से अच्छा रिटर्न मिलता है। हाइब्रिड फंड पर नजर डालें तो कई फंड ने टूटते बाजार में भी शानदार रिटर्न दिया है। निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट, सैमको, एडलवाइस, इनवेस्को और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के हाइब्रिड फंड भी गिरते बाजार में सकारात्मक रिटर्न दे रहे हैं। वास्तव में, निवेशकों को रिटर्न के मामले में हाइब्रिड फंड सबसे आगे हैं। अगर आप एक साल के रिटर्न को देखें, तो हाइब्रिड फंड लगभग दोहरे अंकों में रिटर्न दिया है।
रिटर्न के लिए सही फंड का चुनाव जरूरी
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार की अनिश्चितताओं के मौजूदा दौर में, सही फंड का चुनाव करना बहुत जरूरी है। सही फंड का चुनाव ही बेहतर रिटर्न का रास्ता खोलेगा। मौजूदा समय में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड एक बहुमुखी निवेश विकल्प है। चूंकि ये फंड इक्विटी, डेट और कमोडिटीज जैसे कई एसेट क्लास में निवेश करते हैं, इसलिए वे निवेशकों को हेज्ड और डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो का दोहरा लक्ष्य हासिल करने में मदद करते हैं। नए निवेशक, जो सीधे इक्विटी में ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते और 3 से 5 साल के लिए निवेश करना चाहते हैं वे हाइब्रिड फंड का चुनाव कर सकते हैं।
