घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को जलजला आया। एक ही झटके में और एक ही सत्र में निवेशकों के 16 लाख करोड़ रुपये डूब गए। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क सेंसेक्स कारोबार के आखिर में 2,226.79 अंकों की भारी गिरावट के साथ 73,1367.90 के लेवल पर बंद हुआ। इसी तरह, निफ्टी भी 742.85 अंक की गिरावट के साथ 22,161.60 के लेवल पर बंद हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ में बढ़ोतरी और चीन की ओर से जवाबी कार्रवाई के बाद वैश्विक बाजार में मची भगदड़ ने आर्थिक मंदी की आशंकाओं को हवा दी। मार्केट पर इसका जबरदस्त असर देखने को मिला।
इन स्टॉक्स में आया भूचाल
खबर के मुताबिक, टाटा स्टील में सबसे अधिक 7.33 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि लार्सन एंड टुब्रो में 5. 78 प्रतिशत की गिरावट आई। टाटा मोटर्स, कोटक महिंद्रा बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इंफोसिस, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और एचडीएफसी बैंक अन्य बड़े पिछड़े हुए शेयर रहे। हिंदुस्तान यूनिलीवर मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ। जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बाजार में गिरावट आई क्योंकि उच्च अमेरिकी टैरिफ और अन्य देशों द्वारा प्रतिशोध के कारण व्यापार युद्ध शुरू हो सकता है। आईटी और धातु जैसे क्षेत्रों ने धीमी वृद्धि के साथ उच्च मुद्रास्फीति के जोखिम के कारण व्यापक बाजार के सापेक्ष कम प्रदर्शन किया है, जिससे अमेरिका में संभावित मंदी की स्थिति बन सकती है।
एशियाई बाजारों में भी कोहराम
पीटीआई की खबर के मुताबिक, एशियाई बाजारों में, हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक 13 प्रतिशत से अधिक गिरा, टोक्यो का निक्केई 225 लगभग 8 प्रतिशत गिरा, शंघाई एसएसई कंपोजिट सूचकांक 7 प्रतिशत से अधिक गिरा और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 5 प्रतिशत से अधिक गिरा। यूरोपीय बाजार भी भारी बिकवाली दबाव में रहे और 6 प्रतिशत तक की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार तेजी से नीचे बंद हुए।

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