सावन के महीने में इस बार पांच सोमवार पड़ेंगे। सावन महीने की शुरुआत व समाप्ति दोनों ही सोमवार के दिन होंगी। सावन के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि, आयुष्मान व प्रीति योग भी बन रहा है।सावन माह 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त को समाप्त होगा। इस महीने में इस बार अद्भुत संयोग बन रहा है। स्थानीय ज्योतिषाचार्य पंडित आशुतोष त्रिवेदी के मुताबिक सावन का हर दिन अत्यंत फलदायी होता है। इसमें शिवलिंग का अभिषेक सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है। बताया कि सावन माह में सोमवार का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति सावन के महीने में सोमवार का व्रत रखकर जलाभिषेक करता है, उसका पारिवारिक जीवन सुखी रहता है एवं सुख-समृद्धि का अभाव नहीं रहता। सावन माह में भगवान शिव की पूजा करने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं। सावन में सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। कुंडली में बने अरिष्ट नष्ट हो जाते हैं। सावन माह की शिवरात्रि का भी विशेष महत्व है।
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक सावन चातुर्मास में आता है। इस समय भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं। भगवान शिव जगत के पालनहार होते हैं और मोक्ष भी प्रदान करते हैं। पूरे सावन माह में भगवान शिव की पूजा-अर्चना विधि विधान से की जाती है। उनके आशीर्वाद से व्यक्ति के दुख दूर होते हैं और पापों से मुक्ति मिलती हैं। कहा जाता है कि सावन माह में शिवलिंग पर एक लोटा जल चढ़ाने मात्र से ही भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं। इस वजह से सावन में शिव जी के जलाभिषेक का बड़ा महत्व है।
सावन के सोमवार की स्थिति :
पहला सोमवार 22 जुलाई
दूसरा सोमवार 29 जुलाई
तीसरा सोमवार पांच अगस्त
चौथा सोमवार 12 अगस्त
पांचवां सोमवार 19 अगस्त

Comments are closed.