lपानीपतएक घंटा पहलेकॉपी लिंकपत्रकार वार्ता को संबोधित करते राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता।हरियाणा के पानीपत जिला के समालखा कस्बे के चेयरमैन चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अशोक कुच्छल की मुसीबतें दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। समालखा के RTI एक्टिविस्ट पीपी कपूर के बाद अब आम आदमी पार्टी ने उन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को सेक्टर 12 के एक निजी रेस्त्रां में पत्रकार वार्ता कर आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता ने प्रत्याशी व पार्टी पर अनेकों गंभीर आरोप जड़े।उन्होंने कहा कि बीजेपी के समालखा चेयरमैन प्रत्याशी के खिलाफ गंभीर धाराओं के साथ केस दर्ज है। जबरन वसूली के मामले में बीजेपी उम्मीदवार नामजद है। 2017 में वह इसी मामले में 1 साल जेल में भी रह चुके हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को है। ऐसे गंभीर अपराध में नामजद होने के बावजूद भी हरियाणा सरकार ने उन्हें समालखा से उम्मीदवार बनाया है। इस मौके पर आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुखवीर मलिक, जिला संगठन मंत्री राकेश चुघ, जिला उपाध्यक्ष दीपक बग्गा, जिला लीगल सेल के अध्यक्ष जगदीप घनघस और अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।मामले की जानकारी देते आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुराग ढांडा ।राष्ट्रीय चुनाव आयोग को करेंगे शिकायत: गुप्ताउन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार जनता को ठगने का काम कर रही है। समालखा बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज होने के बावजूद भी बीजेपी सरकार ने उन्हें उम्मीदवार बनाया। ऐसे मामलों में 10 साल से ज्यादा की सजा हो सकती है।इसलिए बीजेपी उम्मीदवार समालखा से बतौर चेयरमैन प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ सकते। ये म्युनिसिपैलिटी एक्ट का उल्लंघन है। आम आदमी पार्टी ने उनके खिलाफ चुनाव आयोग में आपत्ति दर्ज करवा दी है। अगर अगर राज्य चुनाव आयुक्त कार्रवाई नहीं करेंगे तो राष्ट्रीय चुनाव आयुक्त को शिकायत की जाएगी।भाजपा प्रत्याशी अशोक कुच्छल।हाईकोर्ट का खटखटाएंगे दरवाजा: ढांडावहीं आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुराग ढांडा ने कहा कि समालखा से चेयरमैन पद के प्रत्याशी के खिलाफ समालखा के ही कोर्ट में केस चल रहा है। हरियाणा सरकार और प्रशासन की मिलीभगत से ही ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया गया है। वे जनता से अपील करते हैं कि जिस उम्मीदवार को कानूनन चुनाव लड़ने का अधिकार ही नहीं है, ऐसे प्रत्याशी को वोट देना वोट खराब करना है।उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी उम्मीदवार चुनाव जीतते हैं तो वे 5 साल के लिए अयोग्य घोषित हो जाएंगे। ऐसे उम्मीदवार को वोट देना, वोट खराब करना है। आपराधिक छवि के व्यक्ति को टिकट देकर यह साबित कर दिया है कि बीजेपी अपराधियों को संरक्षण देने का काम करती है। इसकी शिकायत राज्य चुनाव आयोग में और राष्ट्रीय चुनाव आयोग में की जा चुकी है। एक-दो दिन में चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है, अगर फिर भी कोई कार्रवाई नहीं होती तो हाईकोर्ट जाकर इनका चुनाव रद्द करवाया जाएगा…

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