सिरदर्द में चंपी, जलने पर टूथपेस्ट: क्या आप भी करते हैं ये गलतियां, कुछ नुस्खे कर सकते हैं भारी नुकसान, जानिए मिथक vs फैक्ट्स
Myths vs Facts : क्या आपने भी ये बात सुनी है कि सिरदर्द में मालिश करने से आराम मिलता है या दाँत के दर्द में लौंग का तेल लगाना चाहिए। हमारे यहां पीढ़ियों से अनेक घरेलू नुस्खे अपनाए जाते रहे हैं। इसी के साथ इन दिनों सोशल मीडिया ने भी कई ‘चमत्कारी’ टिप्स हमारे जीवन में शामिल कर दिए हैं। लेकिन क्या ये सभी उपाय वाकई फायदेमंद हैं? क्या जरूरी नहीं कि इस तरह के उपायों की पड़ताल की जाए।
हम ये नहीं कह रहे कि सारे घरेलू नुस्खे या उपाय बेअसर होते हैं या फिर उनका कोई मतलब नहीं। ये घरेलू नुस्खे हमारी परंपरा और संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। वहीं, नए-नए टिप्स में से भी काफी कुछ उपयोगी हो सकते हैं। लेकिन इन सभी बातों या सलाहों को आँख मूंदकर मानने की बजाय एक बार वैज्ञानिक तथ्यों की रोशनी में इनकी जांच ज़रूरी है।
नुस्खों और उपायों की वैज्ञानिक पड़ताल जरूरी
आधुनिक विज्ञान की नजर से देखें तो कई ऐसे नुस्खे हैं जो मिथकों पर आधारित हैं और कभी-कभी नुकसानदायक भी हो सकते हैं। कुछ प्रचलित उपाय जहां लाभकारी हैं, वहीं कई सिर्फ भ्रम या परंपरागत आदत बन चुके हैं। वहीं, जादू की तरह असर करने का दावा करने वाले टिप्स भी हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसीलिए डॉक्टरों की सलाह और वैज्ञानिक नज़रिए के साथ ही इनका इस्तेमाल किया जाना चाहिए..न कि सिर्फ ‘सुना है’ या ‘हमेशा से करते आए हैं’ जैसी बातों के आधार पर। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही नुस्खों, उपायों या आदतों के तथ्य के बारे में।
मिथक और उनसे संबंधित तथ्य
नींबू पानी वजन कम करता है: ये बहुत प्रचलित धारणा है। सुबह खाली पेट नींबू पानी पीने से चर्बी गलती है और वजन तेजी से घटता है। बहुत से लोग इसे डिटॉक्स ड्रिंक या फैट बर्नर मानकर रोज़ाना अपनाते हैं। मगर ये बात जानना जरूरी है कि नींबू पानी मेटाबॉलिज्म में थोड़ी मदद कर सकता है, लेकिन वजन घटाने का मूल आधार कैलोरी डेफिसिट और एक्सरसाइज़ है। नींबू पानी सिर्फ इसमें सपोर्टिंग रोल निभाता है..ये मेन हीरो नहीं है।
बर्फ को सीधे त्वचा पर लगाना: ये ठंडा-ठंडा उपाय खतरनाक भी साबित हो सकता है। चोट लगी, मोच आई या सिरदर्द हुआ..कई लोग फ्रिज से बर्फ निकालकर सीधे त्वचा पर रगड़ लेते हैं। लेकिन ऐसा करना आपकी त्वचा को नुकसान पहुँचा सकता है। बर्फ को सीधे लगाने से त्वचा जल सकती है, जिसे ‘आइस बर्न’ या फ्रॉस्ट बाइट कहा जाता है। इसलिए जब भी बर्फ लगाना हो, हमेशा एक पतले कपड़े या तौलिये में लपेटकर ही लगाएं। इससे ठंडक भी मिलेगी और त्वचा भी सुरक्षित रहेगी।
टूथपेस्ट से मुहाँसे सुखाना: ये ऐसी वायरल ट्रिक है जो असल में काम नहीं करती। टूथपेस्ट में मौजूद केमिकल्स जैसे मेंथॉल और बेकिंग सोडा त्वचा को जलन या रैशेज़ दे सकते हैं और उलटा असर हो सकता है। मुहाँसों के लिए बेंज़ॉयल पेरोक्साइड या सैलिसिलिक एसिड वाले प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करें। अगर ज़्यादा परेशानी हो तो डर्मेटोलॉजिस्ट से मिलें।
जलने पर टूथपेस्ट लगाना: कई लोग जलने पर तुरंत टूथपेस्ट लगा लेते हैं लेकिन ये भी गलत है। टूथपेस्ट में मौजूद फ्लेवरिंग एजेंट्स और केमिकल्स जलन को और बढ़ा सकते हैं। बेहतर है कि जली हुई जगह को ठंडे पानी से धोकर डॉक्टर की सलाह लें।
रात को दही खाने से सर्दी होती है: ये बात आपने अक्सर सुनी होगी कि रात को दही खाने से सर्दी-ज़ुकाम या गले में खराश हो जाती है। लेकिन ये धारणा सही नहीं है। दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पाचन और इम्यूनिटी के लिए अच्छे हैं। इसका रात में खाना सर्दी का कारण नहीं बनता। हाँ, अगर आप पहले से सर्दी से परेशान हैं तो ठंडा दही गले को थोड़ा असहज कर सकता है।दही को किसी भी समय खा सकते हैं, बस रात में इसे रूम टेम्परेचर पर लाकर खाएं।
सिरदर्द में तेल मालिश: बचपन से हमें यह सिखाया गया है कि सिरदर्द हो तो सर में तेल की मालिश कर लो दर्द चला जाएगा। कई लोग इसे हर तरह के सिरदर्द में अपनाते हैं। लेकिन ये नुस्खा हर बार असरदार नहीं हो सकता है। हर तरह के सिरदर्द में तेल की मालिश से राहत नहीं मिलती है। असलियत में ये उपाय टेंशन हैडेक में असरदार हो सकता है, लेकिन माइग्रेन या साइनस सिरदर्द में इसका उल्टा असर हो सकता है। सिरदर्द एक सा नहीं होता इसलिए हर इलाज सभी पर लागू नहीं होता है।
बुखार में पसीना निकालना अच्छा है: ये बात हमने अक्सर देखी सुनी और आज़माई भी है कि “बुखार में अगर पसीना निकाल लिया जाए तो बुखार उतर जाता है।” लेकिन मिथक के विपरीत, गर्म कपड़े पहनकर पसीना निकालने से शरीर का तापमान बढ़ सकता है, जो हानिकारक हो सकता है। हकीकत में, बुखार को कम करने के लिए ठंडी पट्टी, पर्याप्त आराम और हाइड्रेशन जरूरी है। इसलिए बुख़ार में जबरन पसीना निकालने की कोशिश न करें।
(डिस्क्लेमर : ये जानकारी विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं। विशेषज्ञ का परामर्श अपेक्षित।)
