भारत से अब सुरक्षित सीमा पार पेमेंट करना बेहद आसान हो जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को पेपाल होल्डिंग्स इंक की भारतीय सहायक कंपनी पेपाल पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (पेपाल) को पेमेंट एग्रीगेटर-क्रॉस बॉर्डर-एक्सपोर्ट्स (पीए-सीबी-ई) के रूप में काम करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, कंपनी ने कहा कि यह भारत में पेपाल के संचालन और भारतीय छोटे व्यवसायों के लिए इसके लगातार समर्थन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इससे लगभग 200 बाजारों में सुरक्षित क्रॉस बॉर्डर पेमेंट संभव हो सकेगा।
भारत के जोरदार निर्यात के समय पेपाल को मंजूरी
खबर के मुताबिक, केंद्रीय बैंक की तरफ से यह मंजूरी ऐसे समय में मिली है जब भारत का निर्यात अप्रैल 2025 में 73.8 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है, जो सीमा पार व्यापार में बढ़ती गति को रेखांकित करता है। पेपाल इंडिया में वरिष्ठ निदेशक – सरकारी संबंध, नाथ परमेश्वरन ने कहा कि आरबीआई द्वारा सैद्धांतिक रूप से PA-CB-E की स्वीकृति पेपाल के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह भारत की विनियामक दृष्टि की ताकत और निर्बाध, सुरक्षित सीमा-पार लेनदेन की दिशा में प्रगति को दर्शाता है।
भारतीय छोटे व्यवसायों के लिए वैश्विक बिक्री को आसान बनाना है
जैसे-जैसे भारत एक ग्लोबल निर्यात केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है, पेपाल भारतीय व्यवसायों को विश्वसनीय डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन के साथ सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पेपाल चेकआउट, पेपाल इनवॉइसिंग और नो-कोड चेकआउट टूल जैसे स्थानीय पेशकशों के बढ़ते सूट के साथ, पेपाल भारतीय छोटे व्यवसायों के लिए वैश्विक बिक्री को सरल बनाने पर केंद्रित है। पेपाल इंडिया में बिक्री प्रमुख, आबिद मुर्शेद ने कहा कि पेपाल के पास पिछले 25 वर्षों में वाणिज्य में हर प्रमुख मोड़ पर इनोवेशन करने का ट्रैक रिकॉर्ड है।
पेपाल ने कहा- हम अपने ग्राहकों के साथ खड़े
हम एक दशक से भी अधिक समय से भारत में काम कर रहे हैं, जिससे छोटे व्यवसायों और फ्रीलांसरों को विश्वसनीय और सुरक्षित भुगतान समाधानों के जरिये वैश्विक वाणिज्य में भाग लेने में सक्षम बनाया जा रहा है। जैसे-जैसे व्यापार की गतिशीलता बदल रही है, नई चुनौतियां और अवसर सामने आ रहे हैं, हम अपने ग्राहकों के साथ खड़े हैं, क्योंकि वे नए व्यापार गलियारों में विस्तार कर रहे हैं और वैश्विक ग्राहकों की बदलती अपेक्षाओं को पूरा कर रहे हैं।
