Surya-Shani Rashifal: ग्रहों के राजा सूर्य 30 दिन में अपनी राशि बदलते हैं। सूर्य के गोचर को संक्रांति कहते हैं। 16 जुलाई को जब सूर्य ने कर्क राशि में प्रवेश किया, कर्क संक्रांति मनाई गई। सूर्य कर्क राशि में 16 अगस्त तक रहेंगे। सूर्य गोचर व शनि के अपनी मूलत्रिकोण राशि कुंभ में विद्यमान होने के कारण षडाष्टक योग का निर्माण हुआ है। ज्योतिष के अनुसार, जब सूर्य व शनि एक-दूसरे के छठवें और आठवें भाव में उपस्थित होते हैं जब षडाष्टक योग बनता है। सूर्य-शनि से बनने वाला षडाष्टक योग ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना गया है। जानें षडाष्टक योग के बनने से किन राशि वालों की जिंदगी में आ सकता है तूफान-
कर्क राशि- कर्क राशि वालों के लिए षडाष्टक योग अच्छा नहीं माना जा रहा है। इस अवधि में आपका आत्मविश्वास व साहस कम हो सकता है। पैसों से जुड़ा कोई रिस्क न लें वरना धन हानि के संकेत हैं। नौकरी पेशा में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। मानसिक तनाव का शिकार हो सकते हैं।
सिंह राशि- सूर्य-शनि से बनने वाला षडाष्टक योग योग सिंह राशि वालों के लिए आर्थिक चुनौतियां ला सकता है। आप पारिवारिक जीवन में उथल-पुथल का सामना कर सकते हैं। इस अवधि में जीवनसाथी की बातों को नजरअंदाज करने से बचें।
कन्या राशि-कन्या राशि वालों के लिए सूर्य-शनि की स्थिति शुभ नहीं रहने वाली है। षडाष्टक योग के प्रभाव से आप पर शत्रु हावी हो सकते हैं। ऑफिस में राजनीति का शिकार होने की संभावना है। इस अवधि में धन से जुड़ा कोई रिस्क न लें, वरना आर्थिक नुकसान हो सकता है। मान-प्रतिष्ठा पर आंच आ सकती है।
धनु राशि- धनु राशि वालों के लिए यह अवधि उतार-चढ़ाव भरी रहने वाली है। इस समय किसी भी तरह के विवाद से बचें, वरना कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़ सकते हैं। खर्चों में वृद्धि होगी। नौकरी करने वाले जातकों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
कुंभ राशि- शनि व सूर्य से बना षडाष्टक योग कुंभ राशि वालों के लिए अशुभ साबित होगा। इस अवधि में आप वाद-विवादों में फंस सकते हैं। चोट-चपेट लग सकती है। किसी परेशानी में पड़ सकते हैं। परिस्थितियां प्रतिकूल हैं, बहुत बचकर पार करने की जरूरत है। इस अवधि में कोई नया काम शुरू न करें।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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