सैनिक कॉलोनी की जर्जर सड़कों को लेकर लोगों ने नगर निगम मुख्यालय घेरा, अधिकारियों पर लगाया लापरवाही का आरोप
फरीदाबाद: निवर्तमान पार्षद बोले, अधिकारियों ने पाॅश सेक्टर का कर दिया है बेड़ा गर्क, यहां रहने वाले लाेगों का जीना हो गया है मुश्किल।शहर के पॉश सेक्टर 49 सैनिक कॉलोनी की इंटरनल व आउट साइड की करीब 15 िकलोमीटर जर्जर हुई सड़क का निर्माण कार्य पूरा न कराने के विरोध में गुरुवार को सैकड़ों लोगों ने नगर निगम मुख्यालय का घेराव किया और अधिकारियों पर जानबूझ कर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे निवर्तमान पार्षद राकेश भड़ाना का कहना था कि करीब पौने तीन साल से महज 15 किमी. सड़क निगम अधिकारी नहीं बनवा पा रहे हैं। इससे पॉश सेक्टर में रहने वाले लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। बारिश के दौरान पूरी कॉलोनी तलाब बन जाती है। लोग गिरकर घायल हो जाते हैं।बता दंे कि कॉलोनी में करीब 16.75 करोड़ की लागत से कुल 15 किलोमीटर की आरएमसी सड़क बननी है। दो साल नौ माह पहले सड़क बनाने का काम शुरू हुआ लेकिन आज तक बनकर तैयार नहीं हो पायी। यहां के 4500 मकानाें में रहने वाली करीब 20 हजार से अधिक की आबादी जर्जर सड़कों से निकलने को मजबूर हैं। लोगों ने आरेाप लगाया कि निगम का इंजीनियरिंग विभाग न तो ठेकेदार से काम करा पा रहा है और न ही कोई एक्शन ले रहा है।जबकि यह काम सीएम अनाउंसमेंट के तहत किया जा रहा है। लोगों ने कहा कि अब मजबूर हेाकर कॉलोनी के लोग सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन् करेन को मजबूर होंगे। प्रदर्शन करने वालों में अनिल अरोड़ा, नवीन विरमानी, सुमित गुप्ता, दिलावर सिंह, रुपेश कुमार, हेमंत जेटली, अंजू सलूजा, नीरू पंवार, कविता शर्मा आदि शामिल रहे।करोड़ों खर्च के बाद भी 20 हजार की आबादी परेशानलोगांे ने कहा कि शहर के पाॅश सेक्टर 49 में 4500 से अधिक प्लाट व फ्लैट बने हैं। यहां की आबादी 20 हजार से अधिक है। एक एक प्लाट अथवा बने फ्लैट की कीमत करोड़ रुपए तक है। इतना पैसा खर्च करने के बाद भी यहां के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही। कॉलोनी की इंटरनल और बाहरी सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। दो से तीन फुट तक गड्ढे बन गए हैं।कॉलोनी निगम में आते ही हो गई बर्बादसैनिक कॉलोनी लाइसेंसशुदा कॉलोनी थी। लेकिन वर्ष 2018 में राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद सरकार ने इसे नगर निगम में शामिल कर दिया। अब यहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना नगर निगम की जिम्मेदारी है। लेकिन िनगम ठीक से अपना काम नहीं कर पा रहा है।

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