स्कूल यूनिफार्म बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें | How to start School Uniform Business Plan in hindi
कैसे शुरू करें स्कूल यूनिफार्म बनाने का कारोबार (How To Start School Uniform Manufacturing and Shop Business Plan in hindi )
कपड़ा व्यापार एक ऐसा व्यापार है जिसकी मांग कभी भी कम नहीं होती है. वहीं भारत में आने वाले समय में इस उद्योग की मांग में और बढ़ोत्तरी होने का अनुमान है. वहीं कपड़ा व्यापार में भी कई तरह के व्यापार शामिल होते हैं. जैसे कोई महिलाओं से जुड़े कपड़ों का व्यापार करता है, तो कोई बच्चों या फिर पुरुषों के कपड़ों को बेचने का व्यापार करता है. वहीं आज हम आपको बच्चों के कपड़ों के व्यापार के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं. आप कम पैसों की लागत से बच्चों की यूनिफॉर्म यानी स्कूल की वर्दी का व्यापार शुरू कर सकते हैं. बच्चों की स्कूल की वर्दी की मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है. इसलिए इस व्यापार को खोलने में आपको फायदा ही होगा. वहीं अगर आप इस व्यापार को खोलने के लिए इच्छुक हैं, तो आपके लिए ये लेख फायदेमंद साबित होगा.
स्कूल यूनिफार्म कारोबार में मुनाफा- (school uniform business profit)
देश के हर शहर में आपको कई सारे स्कूल देखने को मिल जाएंगे. इन स्कूल में से कुछ स्कूल सरकारी होते हैं तो कुछ निजी. इन दोनों प्रकार के स्कूलों में वर्दी की मांग रहती हैं. हर साल स्कूल में नए बच्चे दाखिला लेते हैं, जिनको वर्दी की जरूरत पड़ती है. इसी प्रकार स्कूल में पहले से पढ़ रहे छात्रों को भी हर साल नई वर्दी लेनी पड़ती है. हर छात्र को कम से कम दो वर्दियों की जरूर होती हैं. वहीं आप इस बात से तो अनुमान लगा सकते हैं कि समय-समय पर हर छात्र को वर्दी की जरूरत पड़ती है, तो आपके व्यापार की मांग हर साल बनी रहती है.
इतना ही नहीं अगर इस व्यापार से जुड़े मुनाफे को देखा जाए, तो वो भी काफी अच्छा है. अगर आप किसी व्यापारी से बनी बनाई वर्दी लेते हैं और उसे बेचते हैं तो आप एक वर्दी पर 50 से लेकर 80 रुपए तक का मुनाफा कमा सकते हैं. वहीं अगर आप खुद से कपड़े लेकर वर्दी सिलवाते हैं और फिर उसे बेचते हैं तो उसमें आपको अधिक लाभ होता है.
स्कूल यूनिफार्म की कीमत- (school uniform price l India)
किसी भी व्यापार में कदम रखने से पहले आपको पता होना चाहिए कि उस व्यापार के द्वारा बनाए जा रहे सामान की बाजार में क्या कीमत है. वहीं इस वक्त बाजार में बिकने वाली वर्दियों की कीमत की बात करे तो स्कर्ट की कीमत 300 रूपये से शुरू होती हैं. वहीं कमीज की कीमत 250 रुपए से शुरू होती है. इसके अलावा पैंट की शुरूआती कीमत 200 रुपए होती हैं.
विभिन्न प्रकार की वर्दी- (Types of school uniform)
हर स्कूल में अलग-अलग तरह की वर्दियां बच्चों द्वारा पहनी जाती हैं. कई स्कूलों में लड़कों द्वारा स्कर्ट और कमीज पहनी जाती हैं, तो कई स्कूलों में लड़कों के लिए सूट वर्दी के रूप में चुने जाते है. वहीं लड़कों को पैंट या फिर निक्कर की जरूरत पड़ती है. वहीं कई बार छोटी कक्षा के छात्रों के लिए रंग बिरंगी शर्ट वर्दी के रूप में स्कूल वालो की ओर से तय की जाती है. यानी जब भी आप इस व्यापार को शुरू करें तो आपको स्कूल के बच्चों द्वारा पहने जाने वाली हर तरह की वर्दी बनाना होगा और बाजार में बेचनी होगी.
इस व्यापार को करने के तरीके- (how to get school uniform contracts)
इस व्यापार को शुरू करने के दो तरीके हैं, पहले तरीके अनुसार आप वर्दी बनाने वाले किसी व्यक्ति से वर्दियां खरीद कर उन्हें स्कूलों में या दुकान के जरिए ग्राहकों को बेच सकते हैं. वहीं दूसरे तरीके के तहत आप खुद से वर्दियां तैयार करें फिर उनको स्कूलों या अपनी दुकान को खोलकर बेंचे. इन दोनों प्रकार के तरीकों के जरिए आप मुनाफा कमा सकते हैं.
व्यापार शुरू करने के लिए सामग्री (school uniform material)
इस व्यापार को शुरू करने के लिए आपको कपड़े की जरूरत पड़ेगी. वर्दी बनाने में जो कपड़े का इस्तेमाल होता है वो किसी कपड़ा व्यापारी से आप खरीद सकते हैं. इसके अलावा आपको जो अन्य चीजों की जरूरत पड़ेगी. वो कैंची, ज़िप, हुक, धागा, प्रेस और बटन.
कहां से खरीदे कपड़ा और उसकी कीमत (where to buy raw cloth)
वर्दियां बनाने के लिए जिस कपड़े की आवश्यकता पड़ेगी, उसे आप बाजार से खरीद सकते हैं. वहीं जब आप एक साथ कई सारा कपड़ा खरीदते हैं तो आपको ये थोड़ा सस्ता भी पड़ता है. इसके अलावा आपको कई तरह के रंग के कपड़े खरीदने पड़ेंगे. क्योंकि हर स्कूल की वर्दी दूसरे स्कूल से अलग होती है. वहीं इसकी कीमत की बात करें, तो आपको एक मीटर कपड़ा कम से कम 35 से लेकर 45 रुपए तक का मिलेगा. वहीं अगर आप पूरी थान लेते हैं तो आपको ये सस्ती मिलेगी. वैसे भी आपको इतनी सारी वर्दियां तैयार करनी है तो इसलिए कपड़े की पूरी थान लेना ही उचित होगा.
व्यापार से जुड़ी मशीनें और उनके कीमत (school uniform manufacturing machines)
इस व्यापार का काम कपड़ों से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसमें इस्तेमाल होने वाली मशीन भी कपड़ों को बनाने से जुड़ी हुई है. आपको वर्दी की सिलाई के लिए सिलाई मशीन लेनी होगी. वहीं इन मशीनों की कीमत 5000 रूपए से शुरू होती है. अगर आप मशीन से चलने वाली मशीन लेते हैं तो आपको वो 10 हजार से 15 हजार के बीच पड़ेगी.
कहां से ले सिलाई मशीन (Place To Buy Stitching Machine )
इन मशीनों को आप बाजार से आसानी से खरीद कर सकते हैं. वहीं अगर आपके पास ज्यादा बजट नहीं है तो आप सेकंड हैंड भी इन मशीनों को खरीद सकते हैं. इसके अलावा इन मशीनों को खरीदने के लिए ऑनलाइन विकल्प भी मौजूद है. आपको ऑनलाइन पर कई सारी और कई तरह की सिलाई मशीनें आसानी से मिल जाएगी. वहीं आप इन मशीनों को किन्हीं से भी खरीदने से पहले इनके दाम अच्छे से पता कर लें और जहां से आपको ये मशीन सस्ती मिलेगी वहां से खरीद लें. वहीं नीचे बताये गए लिंक पर आपको इन मशीनों की कीमतों के बारे में अच्छे से जानकारी मिल जाएगी. इसके अलावा अगर आप चाहे तो इस लिंक से भी इन मशीनों को खरीद सकते हैं.
https://www.mysmartprice.com/appliance/pricel/sewing-machines-price-l-in-india.html#subcategory=sewing-machines
https://dir.indiamart.com/impcat/sewing-machines.html
अगर इस व्यापार को छोटे स्तर पर आरम्भ करने की सोच रहे हैं, तो आपको दो से चार मशीनों की जरुरत पड़ेगी. वहीं अगर आप इस व्यापार को बड़े स्तर पर शुरू करते हैं तो आपको 10 से 15 मशीनों की जरूरत पड़ेगी.
लोगों का चयन (recruitment of employees)
इस व्यापार के लिए आपको उन लोगों की जरूरत पड़ेगी, जिनको कपड़े सिलना आता है. वहीं ऐसे लोगों का चयन करें जिन्हें सिलाई का अनुभव हो. इसके साथ आप उन लोगों को भी इस कार्य के लिए रख सकते हैं जो सिलाई सीखना चाहते हों. ऐसा करने से आपको कम पैसों में काम करने वाले मिल जाएंगे. वहीं इन लोगों का चयन करने के बाद आप अपना व्यापार शुरू कर सकते हैं.
स्कूल यूनिफार्म बनाने की प्रक्रिया (Process Of School Uniform Making in hindi)
स्कूल की वर्दी बनाने के लिए सबसे पहले आपको जिस साइज की वर्दी सिलनी है उस साइज के हिसाब से कपड़े को काटना होगा. कपड़े को काटने के बाद आपको मिशन की मदद से उसको सिलना होगा. सिलाई पूरी होने के बाद आपको उस कपड़े में बटने, जिंप लगाने का कार्य करना होगा. ये कार्य पूरा होने के बाद आपकी वर्दी बनाने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. वर्दी बनने के बाद आपको उसको अच्छे से इस्त्री करना होगा. इस्त्री हो जाने के बाद आपको उस वर्दी को लिफाफों में पैक कर के रखना होगा. इसी तरह आपको बच्चों के अन्य साइज की वर्दी को भी सिलाना होगा. एक बार जब आपके पास अच्छी खासी वर्दियां बनकर तैयार हो जाए उसके बाद आप इन्हें बेचने का कार्य कर सकते हैं.
स्कूल की यूनिफार्म बेचने की प्रक्रिया (How To Sell School Uniform )
स्कूल की वर्दियों को आप सीधे किसी स्कूल में बेच सकते हैं नहीं तो आप अपनी दुकान खोलकर उसमें आपके द्वारा तैयार की गई वर्दी बेच सकते हैं. वहीं अगर आप अपनी दुकान खोलते हैं तो आप जुराब, स्कूल के बच्चों की बेल्ट, बैग और इत्यादि चीजे भी बेच सकते हैं. ऐसा करने से आपकी आमदनी ही बढ़ेगी. जो भी ग्राहक आपके पास वर्दी लेने आएगा वो ऊपर बताई की अन्य चीजों को भी खरीद लेगा.
घर से भी शुरू हो सकता है ये व्यापार-
अगर आपको सिलाई अच्छे से आती है और आप बच्चों के लिए कपड़े सिल सकते हैं. तो आप इस व्यापार को अपने घर से ही आरम्भ कर सकते हैं. आप अपने घर में दो या चार मशीन रखकर कपड़े सिल सकते हैं और उन्हें स्कूल की वर्दी बेचने वाली दुकान पर जाकर दुकानदार को बेच सकते हैं. वहीं आपको घर से शुरू करने के लिए कुछ लोगों की आवश्यकता भी पड़ेगी. वहीं जब आपका ये व्यापार चलने लग जाए तो आप इसे बड़े स्तर पर शुरू कर दें. घर पर कपड़े बनाने कि प्रक्रिया की बात की जाए, तो आपको सिलाई की मशीन और ऊपर बताई गई अन्य सभी चीजों की जरूरत पड़ेगी. जबकि कपड़े सिलने का तरीका ऊपर बताए गए तरीके की तरह ही होगा.
व्यापार के नाम का पंजीकरण करवाना (License process)–
अगर आप स्कूल वर्दी के अपने इस व्यापार को कोई कंपनी खोलकर शुरू करते हैं तो ऐसा करने के लिए आपको अपने व्यापार का पंजीकरण करवाना होगा. अपने व्यापार के पंजीकरण के लिए आपको कई तरह के दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी. जैसे की आधार कार्ड, पहचान पत्र, जिस जगह आप व्यापार शुरू कर रहे हैं वहां का पता और इत्यादि. वहीं अपनी कंपनी के लिए किसी ऐसे नाम का चयन करें जो कि बोलने में और याद रखने में आसान हो. ये सब हो जाने के बाद आप अपने शहर के सरकारी दफ्तर जहां पर कंपनियों के नाम का पंजीकरण होता है. वहां पर जाकर अपने व्यापार को पंजीकृत करवालें.
पैकेजिंग और बॉक्स की जरूरत (Packaging And Labelling Process)
अगर आप किसी स्कूल में आपके द्वारा बनाई गई वर्दियों को सप्लाई करते हैं तो ऐसी सूरत में आपको कई बड़े बॉक्सों की जरूरत पड़ेगी. इन बॉक्सों में आप अपने सामान को सुरक्षित तरीके से स्कूलों या फिर अपने क्लाइंटों तक पहुंचा सकते हैं. वहीं आप किसी भी गत्ते के बॉक्स बनाने वाले व्यापारी से इन्हें बनवा सकते हैं. वहीं अगर आप चाहें तो इन बॉक्सों पर अपनी कंपनी का नाम भी लिखवा सकते हैं. ऐसा करने से आपकी कंपनी की मार्केटिंग हो जाएगी.
स्थान का चयन (Space required for business)
वर्दी से जुड़े इस व्यापार के लिए आपको ज्यादा बड़ी जगह की जरूरत नहीं पड़ेगी. आप तीन से चार बड़े कमरे किराए पर लेकर इस व्यापार को शुरू कर सकते हैं. वहीं आप अगर अपनी कोई दुकान खोलकर आपके द्वारा कपड़े बेचना चाहते हैं तो आपको दुकान के लिए ऐसी जगह का चयन करना होगा जिसके आस पास कई सारे स्कूल मौजूद हों. ताकि स्कूल के बच्चे आप से ही वर्दी खरीद सकें.
सावधानी की जरूरत (precaution)
कपड़े एक ऐसी चीज है जिनकी अच्छे से देखभाल नहीं की गई तो वो खराब हो सकते हैं. इसलिए कपड़ों को ऐसी जगह पर रखें जहां पर उन पर कोई दाग ना लग सके. साथ ही जिस जगह पर आप ये व्यापार शुरू करने वाले हैं वहां पर चूहें ना हों ये भी देख लें और अगर वहां पर चूहें हैं, तो आप इनको मारने वाली दवाई का प्रयोग करें.
अपने व्यापार का प्रोमोशन (Marketing)
आपके द्वारा तैयार की गई वर्दी के प्रोमोशन यानी मार्केटिंग के लिए आप अपने शहर के हर स्कूल में अपनी कंपनी की जानकारी दें. आप चाहें तो किसी व्यक्ति को ये जिम्मेदारी सौंप सकते हैं. वहीं अगर आपके पास इतना बजट नहीं है, तो आप खुद स्कूलों के प्रबंधन से मिलकर उन्हें अपने व्यापार के बारे में जानकारी दे सकते हैं. वहीं अगर आपके द्वारा तैयार की गई वर्दी उनको अच्छी और सस्ती पड़ती है तो वो आप से अवश्य ही ये वर्दियां खरीदेंगे. वहीं आप केवल एक ही स्कूल तक अपने व्यापार को सीमित नहीं रखें अन्य और स्कूलों में आपके द्वारा बनाई गई वर्दियों को बेचें.
इस को शुरू करने के लिए बजट (Business start-up Costs)
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको चार से छह लाख रुपयों तक की जरूरत पड़ेगी. आप अगर इसे छोटे स्तर पर शुरू करते हैं तो ये व्यापार दो लाख रूपए में भी शुरू किया जा सकता है.
व्यापार का बजट और लोन लेने की सुविधा (Business Loan Facility)
अगर आपके पास इस व्यवसाय को शुरू के लिए इतनी धन राशि नहीं है. तो किसी भी बैंक से लोन लेकर व्यापार आरम्भ कर सकते हैं. इतना ही नहीं हमारी सरकार द्वारा छोटे स्केल के व्यापारों को बढ़ावा देने के लिए कई सारी योजनाएं भी चलाई जा रही हैं. इन योजना की मदद से आप कम ब्याज पर लोन भी ले सकते हैं.
ध्यान रखने वाली बातें-
कोशिश करें की आपके शहर के जितने भी स्कूल हैं आप उन सभी स्कूलों की वर्दिया तैयार करें. गौरतलब है कि हर स्कूल में अलग-अलग तरह की वर्दियां होती हैं. इसलिए आप कोशिश करें की आप अपने शहर में मौजूद हर स्कूल की वर्दियां तैयार करें.
इस व्यापार से जुड़े अन्य व्यापार-
वहीं अगर आपका ये व्यापार अच्छे से चलने लगता है, तो आप इस व्यापार के साथ कपड़ों से जुड़े अन्य व्यापार को भी शुरू कर सकते हैं. आप केवल स्कूल की वर्दी तक सीमित ना रहकर अन्य वर्दियां भी बना सकते हैं. जिसके बारे में नीचे जानकारी दी गई है.
कंपनी वर्दी उद्योग और उसकी प्रक्रिया (Industrial Uniform Business And Process)
ऐसी कई कंपनियां हैं जहां पर उनके कर्मचारियों को वर्दी पहनकर कार्य करना होता है. ऐसे में आप उनके लिए भी वर्दियां बना सकते हैं और कंपनी में बेच सकते हैं. बड़े लोगों के लिए वर्दियां बनाने की भी प्रक्रिया एकदम वैसी है, जैसी स्कूल की वर्दी बनाने की प्रक्रिया है. अगर आप बच्चों की वर्दियां बनाते हैं तो आप आसानी से बड़े लोगों के लिए भी वर्दियां बना सकेंगे. ऐसा करने से आपका मुनाफा और बढ़ जाएगा.
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