स्कूल शिक्षा विभाग का कारनामा, कागजों में करा दिया स्कूलों में पेंट, कर दिया लाखों रुपए का भुगतान, कलेक्टर बोले वसूली होगी
आपने सुना और देखा होगा कि एमपी अजब के साथ गजब भी है, जिसको चरितार्थ करता हुआ दिखाई दे रहा है शहडोल जिले का शिक्षा विभाग। यहां बिना काम के ही लाखों रुपए के बिलों का भुगतान कर दिया गया और तो और जो बिल बनाया गया है जिम्मेदारों ने उस पर भी आँख बंद कर हस्ताक्षर कर दिए और भुगतान कि मंजूरी दे दी अब कलेक्टर ने जाँच के बाद प्रिंसिपल्स से राशि वसूलने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि सुधाकर कंस्ट्रक्शन द्वारा द्वारा दिए गए बिल के मुताबिक जनपद पंचायत ब्यौहारी के दो शासकीय विद्यालयों में रंग रोगन का कार्य किया गया जिसमें 24 लीटर पेंट के लिए 443 लेबर और 215 मिस्त्री से काम कराया गया। यानी कुल मिलाकर 24 लीटर पेंट (कलर) को पोतने के लिए 658 लोग लगे, जिसका भुगतान स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से लगभग 3 लाख 38 हजार रुपए किया गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ भ्रष्टाचार
जब जाँच हुई तो सामने आया कि विद्यालय के रंग रोगन जो कागजी तौर पर किया गया उसपर प्राचार्य व जिला शिक्षा अधिकारी ने आंख मूंदकर उसमें अपना मुहर लगा दी, इस पूरे लीपापोती भूचाल तब आया जब पेंट (कलर) करने के लिए किए गए भुगतान का बिल सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया। जिससे पूरे प्रदेश में चर्चओं का बाजार गर्म हो गया।
हाईस्कूल सकंदी में कागजों पर पेंट
ब्यौहारी जनपद स्थित सकंदी हाई स्कूल में पेंट (कलर) के लिए 400 रुपए की दर से 168 मजदूरों को 67,200 रुपए, 600 रुपए की दर से 65 मिस्त्री को 39,000 रुपए और 196 रुपए प्रति लीटर की दर से 4 लीटर ऑयल पेंट का 784 रुपए भुगतान किया गया। इसमें गौरतलब है कि दीवार पर पेंट करने के लिए 168 मजदूरों और 65 मिस्त्रियों को काम पर लगाया गया। जिसका कुल भुगतान 1,06,984 रुपये शिक्षा विभाग द्वारा किया गया।
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपानिया में फर्जीवाड़ा
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपानिया में 20 लीटर पेंट (कलर) खरीदा गया। जिससे विद्यालय भवन का रंगरोगन 275 मजदूर और 150 मिस्त्रियों के द्वारा किया। इन सभी को कुल 2,31,650 रुपये राशि का भुगतान किया गया। खर्च किए राशि में विद्यालय भवन के दरवाजे और खिड़कियों का रंगरोगन भी शामिल हैं।
कलर हुआ नहीं, लेबर लगी नहीं, कर दिया भुगतान
मजे कि बात यह हैं कि इस 2 विद्यालय कि लीपापोती में सुधाकर कंस्ट्रक्शन का नाम सामने आया है। दोनों विद्यालय के बिल 5 मई 2025 के हैं। और दोनों विद्यालयों में लगाए गए बिल क्रमांक 240 और 241 है. इन बिलों के ऊपर स्कूल प्रिंसिपल और जिला शिक्षा अधिकारी के सरकारी सील भी लगी हुई है।
शिक्षा अधिकारी का बेतुका का बयान
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी पी.एस. मरपाची का बेतुका बयान सामने आया है उनका कहना है कि विद्यालय भवन में पुताई के अलावा अन्य कार्य भी कराए गए हैं। जिसके लिए 3 लाख रुपये की राशि स्वीकृत हुई है। सिर्फ एक बिल ही सोशल मिडिया में वायरल किया गया है जो कि मिस्त्री व मजदूरों के भुगतान का है। अन्य जो कार्य कराया गया है उसका एक और बिल है। मामले की जांच कराई जा सकती है।
एसडीएम से जांच कराकर की कार्यवाही
कलेक्टर शहडोल डॉ. केदार सिंह ने बताया कि ऑयल पेंट बिल के मामले में दोषी सकंदी स्कूल के प्राचार्य सुग्रीव शुक्ला व निपानिया स्कूल प्राचार्य राधिका तिवारी के ऊपर कार्यवाही की गई है, साथ ही उक्त दोनों बिल की वसूली की जा रही है साथ ही पूरे जिले के स्कूलों में हो रहे निर्माण कार्य एवं बिलों की जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
शहडोल से राहुल सिंह राणा की रिपोर्ट
