मध्य प्रदेश (MP) में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में हुए फर्जीवाड़े मामले में हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच के जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल ने बड़ा फैसला सुनाया है। जिसमें हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नर्सिंग पाठ्यक्रमों की प्रस्तावित परीक्षाओं में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाएगा। वहीं, परीक्षाएं निर्धारित समयानुसार 28 और 29 अप्रैल से ही कराई जाएंगी। बता दें कि यह आदेश लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल द्वारा दायर जनहित याचिका सहित सभी संबंधित मामलों पर सुनवाई करते हुए दिया गया है।
इसके अलावा, कोर्ट का कहना है कि नए सत्र की मान्यता प्रक्रिया अब MP नर्सिंग काउंसिल के माध्यम से होगी। साथ ही कॉलेजों को अपने आवेदन काउंसिल के सामने प्रस्तुत करना होगा। जांच-पड़ताल की जाने के बाद ही मान्यता दी जाएगी।
जांच में हुआ खुलासा
बता दें कि अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका के बाद हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेजों में नियमों और मानकों की अनदेखी का मामला संज्ञान लिया था। जिसकी जांच-पड़ताल सीबीआई द्वारा करवाई जा रही थी। जिसमें यह खुलासा हुआ कि प्रदेश में खोले गए लगभग 700 नर्सिंग कॉलेजों में से केवल 200 कॉलेज ही मानकों का पालन करते हैं। बाकि कॉलेजों को फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर मान्यता दी गई थी। जिसपर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गठित हाई लेवल कमेटी की भूमिका को समाप्त कर दिया।
छात्रों को राहत
फिलहाल, जांच में दोषी पाए गए कॉलेजों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर हाईकोर्ट का अंतिम निर्णय नहीं सुनाया है। बता दें कि फर्जीवाड़े के कारण छात्रों की परीक्षाएं कई बार स्थगित और रद्द कर दी गई थी, जिससे उनकी पढ़ाई और करियर पर गहरा असर पड़ा। वहीं, हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद परीक्षाएं समय पर आयोजित होंगी। इससे छात्रों को बड़ी राहत मिली है।
संदीप कुमार, जबलपुर
