भारतीय रेल की कंपनी IRCTC ने वित्त वर्ष 2024-2025 की चौथी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। IRCTC ने चौथी तिमाही में उनका नेट प्रॉफिट 26 प्रतिशत बढ़कर 358 करोड़ रुपये हो गया। बताते चलें कि वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में कंपनी को 284 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हुआ था। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि इस दौरान उनका ऑपरेशनल रेवेन्यू भी 10 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,269 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 1,152 करोड़ रुपये था। IRCTC कुल 4 बिजनेस करता है। ऑनलाइन टिकटिंग, कंपनी का सबसे बड़ा बिजनेस है। इसके अलावा, कंपनी टूरिज्म, कैटरिंग और पानी का भी बिजनेस करती है।
IRCTC ने चौथी तिमाही में पानी बेचकर कितने रुपये का प्रॉफिट कमाया
IRCTC ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में टिकटिंग बिजनेस में 306.93 करोड़ रुपये का प्रॉफिट अर्जित किया। इसके अलावा, सरकारी कंपनी को कैटरिंग से 64.59 करोड़ रुपये, टूरिज्म से 49.59 करोड़ रुपये और रेल नीर से 11.70 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हुआ। पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो आईआरसीटीसी ने टिकटिंग से 1179.48 करोड़ रुपये, कैटरिंग से 271.75 करोड़ रुपये, टूरिज्म से 93.82 करोड़ रुपये और रेल नीर से 46.13 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया। बताते चलें कि आईआरसीटीसी ट्रेनों में एक लीटर वाला रेल नीर 15 रुपये में बेचता है।
यात्रियों के लिए भी काफी फायदेमंद है रेल नीर
ट्रेन में सफर करने वाले यात्री रोजाना बड़ी संख्या में रेल नीर खरीदते हैं। रेल नीर सिर्फ आईआरसीटीसी के लिए ही नहीं बल्कि यात्रियों के लिए भी काफी फायदेमंद है। जहां अन्य कंपनियों का पानी 20 रुपये में मिलता है, वहीं रेल नीर का पानी 15 रुपये में मिल जाता है। आईआरसीटीसी ट्रेनों में और रेलवे स्टेशनों पर पानी बेचकर करोड़ों रुपये की कमाई कर रहा है। हालांकि, पानी से होने वाली कमाई में काफी बढ़ोतरी हो सकती है, क्योंकि ट्रेनों में और रेलवे स्टेशनों पर रेल नीर की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होती है, जिससे यात्रियों को मजबूरी में दूसरी कंपनियों का पानी खरीदना पड़ता है।
