10 महीने बाद किसानों ने खोला मोर्चा, लखीमपुर बना ‘मिनी पंजाब’; केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी की मांग
लखीमपुर खीरी: किसानों की रिहाई के साथ बिजली बिल-2022 वापस लेने समेत कई मांगेंउत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसान संगठन धरने पर बैठ गए हैं। यह धरना 75 घंटे तक चलेगा। यह आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और टिकैत गुट के संयुक्त नेतृत्व में हो रहा है। मंडी समिति के जिस टीनशेड में खेतों से आने वाली फसलें रखकर बेची जाती थीं, वहां अब हजारों किसानों की रंगबिरंगी पगड़ियां नजर आ रही हैं। हिंसा मामले में न्याय देने समेत अन्य मांगों को लेकर केंद्र के खिलाफ फिर से बड़े स्तर पर किसान आंदोलन की शुरुआत की है। इस आंदोलन में भाकियू नेता राकेश टिकैत केसरिया पगड़ी में दिखे।किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि दिल्ली के आंदोलन और तिकुनिया में हिंसा के बाद समझौतों के वादों से सरकार मुकर रही है। इस आंदोलन को 2024 के आम चुनाव से पहले प्रेशर पॉलिटिक्स के रूप में देखा जा रहा है। इसलिए हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा मोनू के पिता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को किसानों ने निशाने पर लिया है। आंदोलन का केंद्र यह जिला वेस्ट यूपी का अंतिम छोर है और टिकैत के प्रभाव के बावजूद पहले दिन ही वेस्ट यूपी के किसानों की भागीदारी कम रही। अधिकांश किसान पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से यहां पहुंचे हैं। जत्थों में पंजाब की महिलाओं की भी खासी तादाद है।धरना शनिवार तक चलेगा। शौचालयों की व्यवस्था न होने पर टिकैत ने धमकी दी है कि अगर व्यवस्था नहीं हुई तो जिला मुख्यालय पर इस धरने को शिफ्ट करेंगे। मंच पर टिकैत के अलावा योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर, भाकियू एकता (उग्राहां) के जोगिंदर सिंह समेत कई नेता पहुंचे। एकता उगराहां के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां बताते हैं कि 2,000 किसान पहुंचे हैं। उधर, बीकेयू (दोआबा) के अध्यक्ष मनजीत सिंह राय का दावा है कि पंजाब के 10,000 किसान पहुंच चुके हैं।किसानों की रिहाई के साथ बिजली बिल-2022 वापस लेने समेत कई मांगेंहिंसा में 4 किसानों और पत्रकार की हत्या में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाए। हिंसा को लेकर जेल भेजे गए किसानों की रिहाई। दिल्ली आंदोलन में दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं। सभी फसलों के ऊपर स्वामीनाथन कमीशन के फॉर्मूले से एमएसपी की गारंटी का कानून बने। बिजली बिल- 2022 वापस लिया जाए। सभी किसानों के कर्ज माफ हों। यूपी की चीनी मिलों से गन्ना किसानों का बकाया मिले।आशीष मिश्रा को जमानत नहींहिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। आशीष की याचिका खारिज कर कोर्ट ने 15 जुलाई को आदेश सुरक्षित रखा था।टेनी के खिलाफ मोर्चाहिंसा टेनी के इशारे पर हुई थी। वह 120 बी के आरोपी हैं। हमारा आंदोलन कमजोर नहीं पड़ेगा। हमने हाईकोर्ट से मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करवाई। सरकार पुलिस को कहे की वह टेनी को नामजद करे।-राकेश टिकैत

Comments are closed.