Gold Buying: पिछले एक साल में सोने की कीमत में जबरदस्त तेजी आई है। सोने का भाव ने रिकॉर्ड 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम का लेवल भी टच किया। आज भी सोने का रेट 97 हजार के पार है। सोने की कीमत में रिकॉर्ड तेजी आने से बहुत सारे लोग सोने की खरीदारी कर नहीं पा रहे हैं। इससे सोने की मांग में गिरावट भी आई है। हालांकि, सोने की कीमत में रिकॉर्ड तेजी का असर भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI पर नहीं हुआ है। RBI ने पिछले एक साल में रिकॉर्ड 25 टन सोने की खरीदारी की है।
RBI का रिजर्व बढ़कर 879.59 टन हुआ
RBI ने वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में अपने भंडार में लगभग 25 टन सोना बढ़ाया है। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। केंद्रीय बैंक के पास अब अपने भंडार में 879.59 टन सोना है, जबकि सितंबर 2024 के अंत में उसके पास 854.73 टन सोना था। वित्तवर्ष 2024-25 में, केंद्रीय बैंक ने अपने भंडार में सोने की मात्रा 57 टन और बढ़ायी, जिस अवधि के दौरान सोने की कीमतों में 30 प्रतिशत की तेजी देखी गई थी। यह पिछले सात वर्षों में सबसे बड़ी वार्षिक वृद्धि है। केंद्रीय बैंक द्वारा विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन पर अर्धवार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय रूप से संग्रहीत कीमती धातु की मात्रा मामूली रूप से बढ़कर 511.99 टन हो गई। स्थानीय तिजोरियों में रखे सोने के अलावा, 348.62 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) के पास था और 18.98 टन सोना जमा के रूप में रखा गया था।
विदेशों से भारत लया गया सोना
वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में, रिजर्व बैंक ने विदेशों से भारतीय तिजोरियों में बड़ी मात्रा में सोना स्थानांतरित किया था। स्थानीय तिजोरियों में संग्रहीत सोने की कुल मात्रा 30 सितंबर तक 510.46 टन थी, जो 31 मार्च, 2024 को 408 टन से अधिक है। वैश्विक स्तर पर बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के समय हो रही सोने की आवाजाही को वर्ष 1991 के बाद से भारत द्वारा किए गए सोने की सबसे बड़ी आवाजाही में से एक कहा गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा छह महीने पहले 9.32 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2025 के अंत तक 11.70 प्रतिशत हो गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर 2024 के अंत के 705.78 अरब डॉलर से घटकर मार्च 2025 में 668.33 अरब डॉलर रह गया। ये भंडार अब 10.5 महीने के आयात जरुरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं, जबकि सितंबर 2024 में यह 11.8 महीने की जरुरतों को पूरा करने की स्थिति से कम है।

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