हिसार: कुलदीप बिश्नोई आदमपुर में अपनी 107 नंबर दुकान के बाहर समर्थकों को संबोधित करते हुए।हिसार में आदमपुर उप चुनाव में चौधरी भजनलाल की 107 नंबर दुकान चर्चा में पूरी रही। विपक्ष ने इस उप चुनाव में भव्य बिश्नोई को हराकर, बिश्नोई परिवार की दुकान बंद करवाने के दावे किए। परंतु भव्य की जीत के बाद ही कुलदीप समर्थकों ने कहना शुरू कर दिया कि इस दुकान के बगैर अब हरियाणा में सरकार नहीं बना करेगी।उप चुनाव जीतते ही अब कुलदीप बिश्नोई के समर्थक बड़े दावे करने लगे हैं। बिश्नोई समर्थकों का दावा है कि अगर हरियाणा में 2024 में सरकार बनेगी तो वह सरकार सिर्फ मेरे नेता कुलदीप बिश्नोई के दम पर बनेगी, क्योंकि 107 नंबर दुकान के बगैर हरियाणा की राजनीतिक नहीं चलने वाली। इसलिए 2024 में 107 नंबर दुकान का हरियाणा सरकार बनाने में अहम रोल रहेगा। वहीं एक ओर बिश्नोइ समर्थक मोहित ने ट्वीट किया है कि 107 नंबर दुकान को बंद करने की बात करने वालों जरा 107 के बाहर का नजारा भी देख लो।कुलदीप समर्थकों का ट्वीटकेजरीवाल और भगवंत मान ने शुरू की थी चर्चाआम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने 8 अगस्त को आदमपुर में तिरंगा यात्रा के दौरान कुलदीप बिश्नोई की 107 नंबर दुकान बंद करवाने का खूब प्रचार किया था। तब कुलदीप ने उन्हें जवाब दिया था कि आदमपुर की जनता उप चुनाव में इसका जवाब देंगी। भव्य के जीतते ही कुलदीप और रेणुका ने कहा था कि आदमपुर की जनता ने सभी विरोधियों की दुकानों पर ताले जड़ दिए।भजन लाल ने शुरू किया था आढ़त का कामचौधरी भजन लाल आदमपुर में घी बेचने का काम करते थे। इसके बाद उन्होंने अनाज मंडी में 107 नंबर दुकान पर आढ़त का काम किया। इसके बाद राजनीति में आए तो 107 नंबर दुकान चर्चा में आ गई। कुलदीप आदमपुर में अपनी इसी दुकान पर समर्थकों के साथ मीटिंग करते हैं और इसी दुकान से उनकी राजनीति शुरू होती है।आदमपुर रहा है पूर्व सीएम भजनलाल का गढ़आदमपुर विधानसभा से अब तक पूर्व सीएम भजन लाल का परिवार ही चुनाव लड़कर जीतता आ रहा है। वर्ष 1967, 1972, 1977, 1982 तक खुद भजनलाल यह सीट जीतते आए। 1987 में उनकी पत्नी जसमा देवी, 1990, 1996, 2000, 2005, 2008 उपुचनाव में भजन लाल जीते। जबकि 1998 उप चुनाव, 2009, 2014 और 2019 में कुलदीप बिश्नोई चुनाव जीते। 2011 के उप चुनाव में रेणुका बिश्नोई और 2022 के उप चुनाव में भव्य बिश्नोई ने जीत दर्ज की। इस तरह से 12 सामान्य और 4 उप चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री के परिवार का ही दबदबा रहा।

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