पन्ना: आजादी की लड़ाई में अपना योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानी 92 वर्षीय पंडित राम नरेश शास्त्री ने प्रशासनिक व्यवस्था और मनमानी से तंग हो गए है। राम नरेश शास्त्री ने इसके विरोध में 15 अगस्त के दिन घर में उपवास रखने का फैसला किया है। साथ ही उन्होंने हर वर्ष मिलने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के सम्मान को स्वीकार न करने की बात कही है। जिससे अब उनका यह फैसला पन्ना जिले सहित प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है।30 साल से प्रशासन की मनमानी से है परेशानपन्ना जिले के गुनौर जनपद के छिगम्मा गांव के निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित राम नरेश शास्त्री ने भारत छोड़ो आंदोलन सहित प्रजा मंडल के कई आंदोलनों में भाग लिया था। उन्होंने अपनी हस्तलिखित विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि शासन-प्रशासन के 30 वर्षों के घोर अन्याय और मनमानी से वह बहुत दुखी है। इसलिए वह 15 अगस्त के दिन अपने घर पर उपवास करेंगे। वहीं स्वतंत्रता दिवस के दिन समारोह में स्वतंत्रता सेनानियों को प्रशासन जो सम्मान देता है उसे भी ग्रहण नहीं करेंगे।पुलिस विभाग ने जमीन पर किया कब्जाराम नरेश शास्त्री ने बताया कि उन्हें 40 वर्ष पहले गुनोर में जमीन लीज पर दी गई थी। यह जमीन अब पुलिस थाना परिसर के अंदर हो गई है। जमीन 30×80 यानी 2400 वर्ग फिट है। जिसे मुझसे छुड़ा लिया गया। यह कब्जा पुलिस विभाग ने किया है। जिसका केस में 30 वर्ष से लड़ रहा हूं। अब मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। जहां पर सभी दस्तावेज प्रस्तुत कर चुका हूं।92 वर्ष की उम्र में मुझे न्यायालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इतना ही नहीं गांव की जमीन में भी गांव के दबंग लोग कब्जा कर रहे हैं। जिसकी शिकायतें तहसील से लेकर कलेक्टर तक कर चुका हूं। बावजूद उसके मुझे न्याय नहीं मिल रहा है। मुझे सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।पन्ना में स्वतंत्रता सेनानी की ऐसी स्थितिउन्होंने बताया कि देश की आजादी की लड़ाई भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। प्रजा मंडल के जितने भी आंदोलन हुए लगभग सभी में भागीदार रहा। सतना जिले के में तत्कालीन राजा ने लाठीचार्ज करवाया था। उसमें भी मैं रहा और जेल भी गया। आज पन्ना जिले में देश के लिए लड़ने वाले सेनानियों की यह स्थिति है। दूसरी तरफ सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है।परिवार समृद्ध, लेकिन जमीन पाने का जुनूनकाफी वृद्ध हो चुके स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम नरेश शास्त्री के पास करीब 60 एकड़ खेती की जमीन है। जिसमें वह खेती कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। परिवार काफी संपन्न है। वह एक ग्राम पंचायत के प्रधान भी रह चुके हैं। उनके चार बेटे हैं जो अब सभी अपना-अपना काम कर रहे हैं। वहीं उनके गुनोर में एक आलीशान बड़ा मकान भी है। दुकानें भी है जो किराए से चल रही है, लेकिन राम नरेश का कहना है कि मैं प्रशासन के सामने झुकूंगा नहीं।मामला हाईकोर्ट में हैइस विषय पर गुनोर एसडीएम भारती मिश्रा ने बताया कि मेरे पास अभी उपवास को लेकर कोई लेटर नहीं आया है। उनके प्रकरण जानकारी है। अभी कुछ दिन पहले हाईकोर्ट में जवाब भी प्रस्तुत किया। उनको हटा नहीं रहे। वह अपने मकान में रह रहे हैं। खाली पड़ी जमीन को बहुत पहले शासन ने सार्वजनिक उपयोग के लिए ले लिया था। जहां पर पुलिस थाना है।कब जमीन दी गई होगी यह मुझे स्पष्ट जानकारी नहीं है। मामला पुराना है। इसमें उनको प्रशासन का सहयोग करना चाहिए। क्योंकि वह खुद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं, लेकिन वह हाईकोर्ट में लड़ रहे हैं।

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