वित्त मंत्रालय जल्द ही क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) की परिचालन दक्षता और लागत को बेहतर बनाने के लिए ‘एक राज्य-एक आरआरबी’ योजना शुरू करेगा। इस योजना के तहत 43 आरआरबी को समेकित कर 28 तक लाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, समेकन का अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है और जल्द ही चौथा दौर शुरू होगा। अब तक समेकन के तीन चरण हो चुके हैं। वित्त मंत्रालय की योजना के तहत, विभिन्न राज्यों में स्थित 15 आरआरबी का विलय किया जाएगा।
इन राज्यों के RRB का होगा विलय
जिन राज्यों के आरआरबी का विलय किया जाएगा, उनमें आंध्र प्रदेश (चार), उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल (तीन-तीन), और बिहार, गुजरात, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा एवं राजस्थान (दो-दो) शामिल हैं। तेलंगाना के मामले में आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक (APGVB) के एसेट्स और लायबिलिटीज के विभाजन से जुड़ा मुद्दा हल हो गया है।
सुधरी RRBs की हालत
वित्त वर्ष 2021-22 आरआरबी के लिए महत्वपूर्ण रहा, जब केंद्र ने विकास पूंजी के लिए दो साल में 5,445 करोड़ रुपये डालने का निर्णय लिया था। वित्त वर्ष 2023-24 में आरआरबी का प्रदर्शन सुधरा और उन्होंने 7,571 करोड़ रुपये का सर्वाधिक समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया। जबकि उनका समेकित पूंजी पर्याप्तता अनुपात 14.2 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर था।
196 से घटकर 43 रह गए हैं ग्रामीण बैंक
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2004-05 में आरआरबी के संरचनात्मक समेकन की शुरुआत की थी, जिससे 2020-21 तक इनकी संख्या 196 से घटकर 43 हो गई। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की स्थापना आरआरबी अधिनियम, 1976 के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों, कृषि मजदूरों और कारीगरों को ऋण और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी।

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